बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 19 Apr 2022 02:03 PM IST
सार
HDFC Twins Erode Investor Wealth: बीते दिनों एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के विलय की घोषणा किए जाने के बाद निवेशकों को भारी फायदा हुआ था, लेकिन ये उत्साह ज्यादा दिन तक बना नहीं रहा और इसके अगले ही दिन से शेयरों में गिरावट शुरू हो गई, जो कि नौ कारोबारी सत्रों से लगातार जारी है।
ख़बर सुनें
विस्तार
बाजार पूंजीकरण में बड़ी गिरावट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवधि में एचडीएफसी के शेयर नौ से दस फीसदी तक टूट चुके हैं। बीती चार अप्रैल 2022 को एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 9,18,591 करोड़ रुपये था और इन नौ दिनों में यह 1.67 लाख करोड़ रुपये कम होकर मंगलवार को 7,51,421 करोड़ रुपये रह गया। इसके अलावा एचडीएफसी लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण चार अप्रैल को 4,85,692 करोड़ रुपये था, जो घटकर 3,94,097 करोड़ रुपये रह गया। इस हिसाब से इसकी वैल्यू में 91,595 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
बजाज फिनसर्व की वैल्यू जितना घाटा
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कंपनियों के विलय के एलान के बाद से कम होना शुरू हुआ बाजार पूंजीकरण इनमें निवेश करने वालों के लिए बेहद खराब साबित हो रहा है। नुकसान के आंकड़े को देखें तो इन नौ दिनों में जितना पैसा निवेशकों ने गंवाया है, वो बजाज फिनसर्व की कुल मार्केट वैल्यू के बराबर है। मंगलवार के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो बजाज फिनसर्व का मार्केट कैप 2.52 लाख करोड़ रुपये है।
मंगलवार को गिरावट का दौर जारी
एचडीएफसी बैंक के शेयर मंगलवार को लगातार नौवें सत्र में शुरुआती कारोबार के दौरान बीएसई पर दो फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ 1,362 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, पिछले कारोबारी सत्रों में बेंचमार्क सेंसेक्स में बैंक का स्टॉक लगभग नौ फीसदी तक गिर चुका है। एचडीएफसी बैंक की तरह ही एचडीएफसी लिमिटेड के शेयर भी लगातार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। खबर लिखे जाने तक इसका शेयर 2161 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
18 महीने में पूरा होगी विलय की प्रक्रिया
गौरतलब है कि एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के विलय की घोषणा बीते दिनों की गई थी। इस विलय की खबर के बाद एकदम से कंपनी के शेयरों में दस फीसदी तक का उछाल आ गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी कुछ नियामकीय मंजूरी मिलनी बाकी है, जिसके बाद इस सौदे को अगले 18 महीने में पूरा किया जाएगा और उसके बाद एक नई कंपनी बनेगी। जो कि दुनिया की सबसे बड़ी कर्जदाता होगी।