पीटीआई, यरूशलम
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 25 May 2021 12:00 AM IST
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इस्राइल और फलस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच युद्ध के दौरान अरब के नागरिकों और यहूदियों के बीच जम कर संघर्ष हुआ और पिछले दो सप्ताहों में वाहनों, रेस्तराओं और यहूदी प्रार्थनास्थलों को आग के हवाले करने की अनगिनत घटनाएं हुई।
समाचारपत्र हारेत्ज की एक खबर के अनुसार इस्राइली अरब महिला का पिछले सप्ताह गुर्दा प्रतिरोपण किया गया और इसके लिए गुर्दा लोड शहर में दंगों में मारे गए एक यहूदी पुरुष का दान दिया गया।
खबर के मुताबिक, यरूशलम की रहने वाली रैंडा एवैस (58) को करीब दस वर्ष से गुर्दे का रोग था और सात वर्ष से उनका नाम प्रतिरोपण की सूची में दर्ज था लेकिन दानदाता नहीं मिलने से उनका प्रतिरोपण नहीं हो पा रहा था। दंगे में मारे गए यिगाल येहोशुआ (56) का गुर्दा मिलने पर उनका गुर्दा प्रतिरोपण किया गया।
येहोशुआ के भाई इफी ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा, वह परमार्थ कार्यों पर विश्वास रखता था और उसका दिल बहुत बड़ा था और इसी को देखते हुए हमने उसके अंग दान का निर्णय लिया। हमें ऐसा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, उसके कारण उन्हें जिंदगी मिलेगी।
सर्जरी के बाद सीएनएन ने एवैस ने हवाले से कहा, बेचारा व्यक्ति, उसने क्या किया था? उसने उनका क्या बिगाड़ा था? उन्होंने क्यों उसकी हत्या की? उसकी पत्नी बच्चों के साथ अकेले कैसे गुजारा करेगी? गौरतलब है कि लोड शहर दंगों से सर्वाधिक प्रभावित रहा है। दंगे शुरू होने के बाद इजराइल ने शहर में आपातकाल घोषित कर दिया था और रात का कर्फ्यू लगा दिया था।