Business

आरबीआई: महामारी का अर्थव्यवस्था पर असर, मजदूर, छोटे व्यावसायी, आदि हुए सबसे अधिक प्रभावित

पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: ‌डिंपल अलावाधी
Updated Tue, 18 May 2021 02:01 PM IST

सार

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से मजदूर, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, कानून एवं व्यवस्था, नगरपालिका कर्मचारी, तथा दैनिक मेहनत कर आजीविका चलाने वाले छोटे व्यावसायी सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

ख़बर सुनें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से मजदूर (कारखानों, वर्कशॉप, शोरूम जैसे जगहों पर काम करने वाले कामगार) डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, कानून एवं व्यवस्था, नगरपालिका कर्मचारी, तथा दैनिक मेहनत कर आजीविका चलाने वाले छोटे व्यावसायी (संगठित और असंगठित) सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्र के लोगों के लिए नीतियों के जरिए मदद में प्राथमिकता देनी होगी।

आर्थिक गतिविधियां प्रभावित
आरबीआई ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की आधी अवधि में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित जरूर हुई हैं, लेकिन कमजोर नहीं पड़ी हैं। हालांकि संक्रमितों की संख्या पूर्व के मुकाबले कहीं अधिक हैं। कोरोना वायरस महामारी की रफ्तार ने भारत और दुनिया को अचंभित किया है। इस तेजी पर अंकुश लगाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाए गए हैं।

अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एमडी पात्रा और अन्य अधिकायों ने अपने लेख में लिखा है, ‘दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पहली लहर के मुकाबले सीमित जान पड़ता है। स्थानीय स्तर पर जरूरत के अनुसार लॉकडाउन, लोगों को घर से काम करने की व्यवस्था के लिए स्वयं को बेहतर तरीके से तैयार करना, ऑनलाइन डिलीवरी मॉडल, ई-वाणिज्य और डिजिटल भुगतान का अच्छे तरीके से काम करना इसके उदाहरण हैं।’

महानगरों, शहरों में तेज रही दूसरी लहर
केंद्रीय बैंक के लेख के अनुसार संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि पर रोक लगाने के लिए कई राज्यों में लगाई गई पाबंदियो से अप्रैल और मई में वास्तविक अर्थव्यवस्था के कई संकेतक हल्के पड़े। पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर महानगरों, शहरों में तेज रही। यह राज्यों, क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैला है। हालांकि आरबीआई ने साफ किया है कि लेख में अभिव्यक्त विचार लेखकों के हैं और कोई जरूरी नहीं है कि वे आरबीआई के विचारों से मेल खाते हों।

इसमें कहा गया है कि घरेलू व्यापार के बारे में संकेत देने वाले ई-वे बिल में अप्रैल 2021 में मासिक आधार पर 17.5 फीसदी की कमी आई है। पेट्रोल और डीजल बिक्री के प्रारंभिक आंकड़े भी अप्रैल में ईंधन की मांग में नरमी को बताते हैं जिसका कारण आवाजाही पर पाबंदी है।

विस्तार

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से मजदूर (कारखानों, वर्कशॉप, शोरूम जैसे जगहों पर काम करने वाले कामगार) डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, कानून एवं व्यवस्था, नगरपालिका कर्मचारी, तथा दैनिक मेहनत कर आजीविका चलाने वाले छोटे व्यावसायी (संगठित और असंगठित) सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्र के लोगों के लिए नीतियों के जरिए मदद में प्राथमिकता देनी होगी।

आर्थिक गतिविधियां प्रभावित

आरबीआई ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की आधी अवधि में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित जरूर हुई हैं, लेकिन कमजोर नहीं पड़ी हैं। हालांकि संक्रमितों की संख्या पूर्व के मुकाबले कहीं अधिक हैं। कोरोना वायरस महामारी की रफ्तार ने भारत और दुनिया को अचंभित किया है। इस तेजी पर अंकुश लगाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाए गए हैं।

अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एमडी पात्रा और अन्य अधिकायों ने अपने लेख में लिखा है, ‘दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पहली लहर के मुकाबले सीमित जान पड़ता है। स्थानीय स्तर पर जरूरत के अनुसार लॉकडाउन, लोगों को घर से काम करने की व्यवस्था के लिए स्वयं को बेहतर तरीके से तैयार करना, ऑनलाइन डिलीवरी मॉडल, ई-वाणिज्य और डिजिटल भुगतान का अच्छे तरीके से काम करना इसके उदाहरण हैं।’

महानगरों, शहरों में तेज रही दूसरी लहर

केंद्रीय बैंक के लेख के अनुसार संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि पर रोक लगाने के लिए कई राज्यों में लगाई गई पाबंदियो से अप्रैल और मई में वास्तविक अर्थव्यवस्था के कई संकेतक हल्के पड़े। पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर महानगरों, शहरों में तेज रही। यह राज्यों, क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैला है। हालांकि आरबीआई ने साफ किया है कि लेख में अभिव्यक्त विचार लेखकों के हैं और कोई जरूरी नहीं है कि वे आरबीआई के विचारों से मेल खाते हों।

इसमें कहा गया है कि घरेलू व्यापार के बारे में संकेत देने वाले ई-वे बिल में अप्रैल 2021 में मासिक आधार पर 17.5 फीसदी की कमी आई है। पेट्रोल और डीजल बिक्री के प्रारंभिक आंकड़े भी अप्रैल में ईंधन की मांग में नरमी को बताते हैं जिसका कारण आवाजाही पर पाबंदी है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

16
Desh

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में खाली पडे़ पदों को भरने के लिए सिफारिशों का इंतजार कर रहा केंद्र

15
Astrology

Vastu tips: प्रतिदिन सुबह उठकर मुख्य द्वार पर करेंगे ये कार्य तो घर में आएगी सुख समृद्धि

14
Desh

Coronavirus India Live: राजस्थान में कालाबाजारी के आरोप में दो लोग गिरफ्तार, तीन गुने दाम पर बेच रहे ऑक्सीमीटर

14
videsh

ब्रिटेन सरकार ने भारत को ‘लाल सूची’ में नहीं डालने की आलोचना का किया बचाव 

14
videsh

अमेरिका: ट्रंप से चार गुना ज्यादा शरणार्थियों के प्रवेश का जो बाइडन ने किया था वादा मगर स्थिति जस की तस

13
Astrology

Horoscope Today 18 May 2021: मंगलवार को इन पांच राशियों को होगा धन लाभ, नौकरी-व्यापार में तरक्की के संकेत

13
Entertainment

थ्रोबैक: भारतीय टीवी इतिहास के टॉप सीरियल, हुए इतने पॉपुलर की बन गए आइकॉनिक

13
Desh

पढ़ें 17 मई के मुख्य और ताजा समाचार – लाइव ब्रेकिंग न्यूज़

13
Desh

बंगाल: सीबीआई दफ्तर पहुंचीं ममता बनर्जी, नारदा केस में दो मंत्रियों समेत तीन नेताओं से पूछताछ

13
Entertainment

श्रेयस तलपड़े: करियर ब्रेकअप पर बोले अभिनेता- दोस्तों ने पीठ में घोंपा छुरा, इंडस्ट्री में दस प्रतिशत लोग ही सच्चे

13
Entertainment

कमल हासन: ये है 80 के दशक में आई कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की ब्लैक कॉमेडी मूक फिल्म, बिना संवाद हुई थी शूट

To Top
%d bloggers like this: