न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दरांग
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 25 Sep 2021 07:51 AM IST
सार
चार दिनों से चल रहे अभियान में अब तक 800 परिवारों को यहां से हटाया जा चुका है। 800 परिवारों को सरकारी जमीन से बेदखल करने के बाद पुनर्वास की मांग को लेकर जन विरोध शुरू हो गया है।
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विस्तार
बता दें, 12 वर्षीय फरीद भी उस इलाके में रहता था जहां सरकार की ओर से अतिक्रमण अभियान चलाया जा रहा था। फरीद के परिवार का कहना है कि उन्हें प्रशासन की ओर से कोई भी नोटिस नहीं मिला था।
जेब में मिला आधार कार्ड, पिता बोले-पता नहीं क्यों मार दिया
फरीद के पिता खलीक अली का कहना है कि मेरे बेटे का शव शाम को घर पहुंचा। उसकी जेब में आधार कार्ड भी मिला है। पता नहीं उसे क्यों गोली मार दी गई। उसे दाहिनी छाती में गोली मारी गई थी।
11 पुलिस के जवानों समेत 20 लोग हुए थे घायल
इस हिंसा में 11 पुलिसवालों समेत 20 लोग घायल हो गए थे। घायल 15 वर्षीय हसना बानों का कहना है कि मुझे हिंसा के बारे में पता चला तो मैं वहां देखने गई हुई थी। इतने में किसी ने मुझ पर पीछे से वार किया और मेरे बांए हाथ की हड्डी टूट गई, जिससे मैं वहीं बेहोश हो गई। इसके बाद मुझे कुछ स्थानीय लोगों ने घर पहुंचाया। बानों के पिता सईद अली का कहना है कि हम डर के मारे अपनी बेटी को अस्पताल नहीं ले गए। उसके हाथ का घर में इलाज किया।
दो लोगों की हुई थी मौत
असम में हुई इस हिंसा में 12 वर्षीय फरीद के अलावा 35 साल के मयनल हक की भी मौत हो गई थी। इसके बाद घटना पर न्यायिक जांच बिठा दी गई है। घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें एक फोटोग्राफर मयनल हक के मृत शरीर पर उछलता नजर आ रहा था। वीडियो वायरल होने के बाद फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया गया है।