वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: सुभाष कुमार
Updated Wed, 29 Sep 2021 10:11 PM IST
सार
जनरल माइली ने बताया कि वो अफगान में कुछ हजार अमेरीकी सैनिकों को रखने के पक्ष मेंं थे, ताकि अफगानिस्तान की अमेरिका समर्थित सरकार को तालिबान के हाथों हारने से बचाया जा सके।
अमेरिकी जनरल ने अफगानिस्तान अभियान को बताया रणनीतिक हार।
– फोटो : social media
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विस्तार
अमेरिकी जनरल मार्क माइली ने 20 सालों तक अफगानिस्तान में चले अमेरिका के अभियान को एक रणनीतिक हार बताया है। अमेरिकी कांग्रेस केसामने मंगलवार को बयान देते हुए जनरल माइली ने बताया कि वो अफगान में कुछ हजार अमेरीकी सैनिकों को रखने के पक्ष मेंं थे, ताकि अफगानिस्तान की अमेरिका समर्थित सरकार को तालिबान के हाथों हारने से बचाया जा सके।
जो बाइडन ने झूठ बोला
सीनेट के सैन्य समिति के रिपब्लिकन सांसदों ने जनरल माइली के बयान को आधार बनाते हुए राष्ट्रपति बाइडन के उस बयान को झूठा करार दिया,जिसमें उन्होने यह कहा था कि किसी भी सैन्य अधिकारी ने उन्हें अफगानिस्तान में सेना को रखने की सलाह नहीं दी थी। इस बीच जनरल माइली ने यह बताने से मना कर दिया कि पिछले साल उन्होनें राष्ट्रपति बाइडन को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के तालिबान के साथ हुए समझौते के साथ आगे बढ़ने यान बढ़ने के बारे में क्या सलाह दी थी।
ट्रंप प्रशासन ने तालिबान से समझौता किया था कि मई 2021 तक अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान की जमीन छोड़ देंगे। इसके साथ ही 2001 से चल रहे युद्ध का अंत हो जाएगा। जनरल माइली के साथ साथ अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने भी बाइडन को दिए सलाह के बारे में खुलासा करने से इंकार कर दिया। माइली ने कहा कि यह उनकी निजी राय थी की अफगानिस्तान को तालिबान के हाथों में जाने से बचाने के लिए कम से कम 2500 सैनिकों को रहने देना चाहिए।
दूसरे जनरल भी थे रखना चाहते थे सेना
जनरल फ्रैंक मैकेंजी जो अफगानिस्तान में अमरिका सेने के सेंट्रल कमांड के प्रमुख थे, उन्होनें बताया कि वो भी जनरल माइली की इस बात से सहमत थे की काबुल की सरकार को बचाए रखने के लिए कुछ अमरिकी सैनिकों का वहां रहना जरूरी था।
मैकेंजी ने कहा- मेरी सलाह थी की हमें अफगानिस्तान में 2500 के लगभग सैनिकों को रखना चाहिए। 2020 में भी मैने सलाह दी थी की कम से कम 4500 सैनिकों को रखा जाए ताकि अफगानिस्तान की सेना और सरकार दोनों को बचाया जा सके।
डेमोक्रेट सांसदों ने किया बाइडन का बचाव
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और जनरल माइली को अफगान युद्ध की समीक्षा के लिए कांग्रेस के समक्ष बुलाया गया था। 6 घंटों तक चली सुनवाई में अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलताओं पर चर्चा की गई और बात की गई कि कैसे सालों तक चले इस अभियान में अमेरिकी करदाताओं के अरबों डॉलर बर्बाद हुए। हालांकि, कई डेमोक्रेट सांसदों ने बाइडन के अफगानिस्तान से निकलने के फैसले का समर्थन किया और रिपब्लिकन पार्टी पर पुरानी राजनीति करने का आरोप लगाया।
रिपब्लिकन सांसद टॉम कॉटन ने माइली से पूछा कि जब राष्ट्रपति ने जब उनके प्रस्ताव को ठुकराया तब उन्होने इस्तीफा क्यों नहीं दिया।
इसके जवाब ने जनरल ने कहा कि जनरल होने के नाते उनका काम था राष्ट्रपति को सलाह देना। यह जरूरी नहीं कि वो यह सलाह मान ही लें।
अलकायदा अब भी बड़ा खतरा
इसके अलावा माइली ने कहा कि अलकायदा अब भी एक खतरा है और यह भूलना नहीं चाहिए कि तालिबान ने अब तक उससे संबंध नहीं खत्म किए हैं। जनरल माइली ने अगले 1 से 3 साल के अंदर अमेरिका पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका भी जताई।
