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अमेरिका: कुछ और चीनी कंपनियों को काली सूची में डालने की तैयारी

एजेंसी, वाशिंगटन।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 10 Jul 2021 12:32 AM IST

सार

सूत्रों ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय की इस सूची में चीनी कंपनियों को शामिल करना चीन को मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराने के बाइडन प्रशासन के प्रयासों का एक हिस्सा है।

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अमेरिकी बाइडन प्रशासन शिनजियांग में कथित मानवाधिकारों के हनन और उच्च-तकनीकी निगरानी को लेकर अपनी आर्थिक काली सूची (ब्लैकलिस्ट) में 10 से अधिक चीनी कंपनियों को डालने की तैयारी में है। मामले से जुड़े दो अहम सूत्रों ने बताया कि इनके अलावा चीन की कई और संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किए जाने की तैयारी है।

अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय की कार्रवाई पिछले महीने चीन के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में जबरन श्रम के आरोपों पर पांच अन्य कंपनियों और कुछ चीनी संस्थाओं को काली सूची में जोड़ने जा रही है। इसमें चीन की 14 कंपनियां भी शामिल की जा सकती है।

हालांकि, कुल कितनी संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो पाया है। इस सूची में चीन के अलावा कुछ अन्य देशों की कंपनियों को भी शामिल किया जाना तय माना जा रहा है। इस मसले पर हाल-फिलहाल व्हाइट हाउस या वाणिज्य मंत्रालय ने किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की है। 

चीनी हितों की रक्षा के कदम उठाएंगे : चीन
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा कि हम चीनी कंपनियों के कानूनी अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करेंगे। चीन निश्चित ही अपने अंदरूनी मामलों में अमेरिकी दखल की कोशिशों को खारिज करेगा। बता दें कि चीन हमेशा से शिनजियांग में नरसंहार और जबरन मजदूरी के आरोपों का खंडन करता रहा है।

चीन में तिब्बत के सैनिकों को विशेष अभियानों का प्रशिक्षण
 भारत की नकल करने के लिए चीनी सेना अपने तिब्बती सैनिकों को ऊंचाई वाले इलाकों में विशेष अभियानों के लिए प्रशिक्षण दे रही है। सूत्रों का कहना है कि चीन भारतीय विशेष सीमा बल की तरह एक बल बनाने की कोशिश कर रहा है जिसमें कई तिब्बती शामिल हैं जिन्हें पहाड़ी युद्ध में विशेषज्ञता हासिल है। 

चीनी सेना ने अपने तिब्बती सैनिकों के लिए एक अभ्यास आयोजित किया है जिन्हें मुख्य रूप से चीनी भाषा सीखने और उनकी परंपराओं का पालन करने समेत वफादारी के कई परीक्षणों से गुजारा जाएगा। इन तिब्बती युवाओं को कई परीक्षण देने के बाद ही भर्ती किया जा रहा है।

इन्हें विशेष अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि चीन तिब्बतियों को अपनी सेना में खपाने की कोशिश कर रहा है जबकि दलाई लामा के अनुयायी अब भी चीन विरोधी भावना रखते हैं।

विस्तार

अमेरिकी बाइडन प्रशासन शिनजियांग में कथित मानवाधिकारों के हनन और उच्च-तकनीकी निगरानी को लेकर अपनी आर्थिक काली सूची (ब्लैकलिस्ट) में 10 से अधिक चीनी कंपनियों को डालने की तैयारी में है। मामले से जुड़े दो अहम सूत्रों ने बताया कि इनके अलावा चीन की कई और संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किए जाने की तैयारी है।

अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय की कार्रवाई पिछले महीने चीन के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में जबरन श्रम के आरोपों पर पांच अन्य कंपनियों और कुछ चीनी संस्थाओं को काली सूची में जोड़ने जा रही है। इसमें चीन की 14 कंपनियां भी शामिल की जा सकती है।

हालांकि, कुल कितनी संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो पाया है। इस सूची में चीन के अलावा कुछ अन्य देशों की कंपनियों को भी शामिल किया जाना तय माना जा रहा है। इस मसले पर हाल-फिलहाल व्हाइट हाउस या वाणिज्य मंत्रालय ने किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की है। 

चीनी हितों की रक्षा के कदम उठाएंगे : चीन

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा कि हम चीनी कंपनियों के कानूनी अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करेंगे। चीन निश्चित ही अपने अंदरूनी मामलों में अमेरिकी दखल की कोशिशों को खारिज करेगा। बता दें कि चीन हमेशा से शिनजियांग में नरसंहार और जबरन मजदूरी के आरोपों का खंडन करता रहा है।

चीन में तिब्बत के सैनिकों को विशेष अभियानों का प्रशिक्षण

 भारत की नकल करने के लिए चीनी सेना अपने तिब्बती सैनिकों को ऊंचाई वाले इलाकों में विशेष अभियानों के लिए प्रशिक्षण दे रही है। सूत्रों का कहना है कि चीन भारतीय विशेष सीमा बल की तरह एक बल बनाने की कोशिश कर रहा है जिसमें कई तिब्बती शामिल हैं जिन्हें पहाड़ी युद्ध में विशेषज्ञता हासिल है। 

चीनी सेना ने अपने तिब्बती सैनिकों के लिए एक अभ्यास आयोजित किया है जिन्हें मुख्य रूप से चीनी भाषा सीखने और उनकी परंपराओं का पालन करने समेत वफादारी के कई परीक्षणों से गुजारा जाएगा। इन तिब्बती युवाओं को कई परीक्षण देने के बाद ही भर्ती किया जा रहा है।

इन्हें विशेष अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि चीन तिब्बतियों को अपनी सेना में खपाने की कोशिश कर रहा है जबकि दलाई लामा के अनुयायी अब भी चीन विरोधी भावना रखते हैं।

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