अफगान मस्जिद के अंदर बम बनाने का प्रशिक्षण ले रहे 30 आतंकवादियों की धमाके में मौत
– फोटो : सोशल मीडिया
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अफगानिस्तान में शनिवार को कुछ तालिबानी आतंकियों को आखिरकार उनके बुरे कर्मों की सजा मिल गई। दरअसल, अफगानिस्तान में एक मस्जिद के अंंदर तालिबानी आतंकी बम बनाने का प्रशिक्षण ले रहे थे। उन्हें यह प्रशिक्षण लेना भारी पड़ गया क्योंकि इसी दौरान वहां गलती से एक बम फट गया। इस धमाके में 30 आतंकियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमान ने बताया कि बम धमाके के बाद घटनास्थल पर कोई भी जिंदा नहीं बचा है। उन्होंने इस घटना को सबसे खतरनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह की घटनाओं में छह, आठ या 10 आतंकी मारे जाते थे, लेकिन यह पहली बार है, जब इतनी बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए हैं।
अफगानिस्तान की सेना ने एक बयान जारी कर इस घटना की जानकारी दी। सेना की तरफ से कहा गया है कि यह बम धमाका देश के बाल्ख प्रांत में हुआ। सेना ने बताया कि इस घटना में मारे गए 30 आतंकियों में से छह विदेशी थे।
सेना ने कहा कि यह छह विदेशी आतंकी बारुदी सुरंग बनाने के विशेषज्ञ थे और शनिवार को वे 26 अन्य आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग दे रहे थे। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट बाल्फ प्रांत के दौलताबाद जिले के कुल्ताक गांव में हुआ।
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान आतंकियों के एक समूह को दौलताबाद जिले के कुल्ताक गांव में बम बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। इसी दौरान अचानक से बम फट गया और 30 आतंकी मौत की नींद सो गए।
हालांकि, प्रवक्ता ने छह विदेशी आतंकियों की पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। स्थानीय मीडिया का कहना है कि तालिबानी आतंकी गांव की एक मस्जिद में जमा थे। उन्हें सड़क के किनारे रखे जाने वाले आईडी बम बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही थी।
इधर आतंकी संगठन तालिबान ने घटना की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्ट पर कुछ नहीं कहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों तक बाल्ख प्रांत अफगानिस्तान का सबसे सुरक्षित हिस्सा माना जाता रहा है, लेकिन अब यहां अमेरिकी नेतृत्व वाले सैनिकों की कमी और सरकारी नेताओं के बीच तालमेल न होने के कारण तालिबानी आतंकियों की इस क्षेत्र में हलचल बढ़ गई है।
फिलहाल अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए तालिबान और अमेरिका के बीच संवाद जारी है। हालांकि, तालिबानी आतंकी क्षेत्र में लगातार हमले करते रहते हैं। ऐसे में यहां शांति स्थापित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
अफगानिस्तान में शनिवार को कुछ तालिबानी आतंकियों को आखिरकार उनके बुरे कर्मों की सजा मिल गई। दरअसल, अफगानिस्तान में एक मस्जिद के अंंदर तालिबानी आतंकी बम बनाने का प्रशिक्षण ले रहे थे। उन्हें यह प्रशिक्षण लेना भारी पड़ गया क्योंकि इसी दौरान वहां गलती से एक बम फट गया। इस धमाके में 30 आतंकियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमान ने बताया कि बम धमाके के बाद घटनास्थल पर कोई भी जिंदा नहीं बचा है। उन्होंने इस घटना को सबसे खतरनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह की घटनाओं में छह, आठ या 10 आतंकी मारे जाते थे, लेकिन यह पहली बार है, जब इतनी बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए हैं।
अफगानिस्तान की सेना ने एक बयान जारी कर इस घटना की जानकारी दी। सेना की तरफ से कहा गया है कि यह बम धमाका देश के बाल्ख प्रांत में हुआ। सेना ने बताया कि इस घटना में मारे गए 30 आतंकियों में से छह विदेशी थे।
सेना ने कहा कि यह छह विदेशी आतंकी बारुदी सुरंग बनाने के विशेषज्ञ थे और शनिवार को वे 26 अन्य आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग दे रहे थे। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट बाल्फ प्रांत के दौलताबाद जिले के कुल्ताक गांव में हुआ।
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान आतंकियों के एक समूह को दौलताबाद जिले के कुल्ताक गांव में बम बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। इसी दौरान अचानक से बम फट गया और 30 आतंकी मौत की नींद सो गए।
हालांकि, प्रवक्ता ने छह विदेशी आतंकियों की पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। स्थानीय मीडिया का कहना है कि तालिबानी आतंकी गांव की एक मस्जिद में जमा थे। उन्हें सड़क के किनारे रखे जाने वाले आईडी बम बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही थी।
इधर आतंकी संगठन तालिबान ने घटना की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्ट पर कुछ नहीं कहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों तक बाल्ख प्रांत अफगानिस्तान का सबसे सुरक्षित हिस्सा माना जाता रहा है, लेकिन अब यहां अमेरिकी नेतृत्व वाले सैनिकों की कमी और सरकारी नेताओं के बीच तालमेल न होने के कारण तालिबानी आतंकियों की इस क्षेत्र में हलचल बढ़ गई है।
फिलहाल अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए तालिबान और अमेरिका के बीच संवाद जारी है। हालांकि, तालिबानी आतंकी क्षेत्र में लगातार हमले करते रहते हैं। ऐसे में यहां शांति स्थापित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
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