वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Updated Mon, 02 Nov 2020 08:56 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
49 वर्षीय नीरव मोदी, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में प्रत्यर्पण का मुकदमा लड़ रहा है। वह फिलहाल लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है और मंगलवार को वीडियो लिंक के माध्यम से सुनवाई में शामिल होगा।
सुनवाई के दौरान जिला जज सैमुएल गूज प्रथम दृष्ट्या मामला कायम करने के लिए भारत की जांच एजेंसियों, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों की स्वीकार्यता के खिलाफ नीरव की डिफेंस टीम की दलीलें सुनेंगे। नीरव के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने सबूत दिए हैं।
नीरव दो मामलों में आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहा है, एक मामला पीएनबी से की गई धोखाधड़ी को लेकर सीबीआई का है, जबकि दूसरा मामला उस रकम के धन शोधन को लेकर ईडी का है। वह सबूतों को मिटाने को गवाहों को डराने को लेकर दो और अतिरिक्त मामलों का सामना भी कर रहा है।
प्रत्यर्पण मामले में मंगलवार को होने वाली सुनवाई पूर्व में हुई दो सुनवाइयों के आधार पर होगी। इनमें से पहली सुनवाई मई में और दूसरी सितंबर में हुई थी। दूसरी सुनवाई के दौरान सीपीएस ने मोदी के फर्जीवाड़े को तय करने की मांग की थी और अतिरिक्त आरोप तय करने के लिए अदालत में कुछ वीडियो प्ले किए थे।
मंगलवार को होने वाली सुनवाई नीरव के खिलाफ भारत सरकार की ओर से प्रस्तुत सबूतों की स्वीकार्यता पर आधारित होगी। इसे लेकर नीरव की रक्षा टीम का कहना है कि ये सबूत ब्रिटेन की अदालतों में स्वीकार्यता के मानक पूरा नहीं करते हैं। इसके साथ ही भारतीय जेलों की खराब स्थिति का मुद्दा भी उठाया गया है।
