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अंतरराष्ट्रीय बैठक: जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लेने ग्लासगो जाएंगे मोदी, 31 अक्तूबर से होगा शुरू

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 22 Oct 2021 03:35 AM IST

सार

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि पीएम ग्लासगो जा रहे हैं। भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शुमार है, जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार अपनी ओर से अधिक प्रयास कर रहा है।

पीएम मोदी(फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर होने वाले संयुक्त राष्ट्र  सम्मेलन (कॉप-26) में हिस्सा लेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय बैठक 31 अक्तूबर से शुरू होगी। 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को एक साक्षात्कार में पीएम के ग्लासगो जाने की पुष्टि की। हालांकि, अभी तक उनके कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

बता दें कि चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जक है। कॉप-26 सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच पीएम मोदी की भागीदारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, दुनिया में कई प्रदूषक देशों के मुकाबले हमारा राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (एनडीसी) ज्यादा प्रगतिशील है। भारत 2030 तक हरित ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 450 गीगावॉट करने की ओर बढ़ रहा है। देश में 100 गीगावॉट से ज्यादा नवीनीकृत ऊर्जा क्षमता स्थापित हो चुकी है।

वहीं, मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हफ्तेभर में पीएम की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक के दौरान कॉप-26 को लेकर भारत का रुख तय हो जाएगा।

विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर होने वाले संयुक्त राष्ट्र  सम्मेलन (कॉप-26) में हिस्सा लेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय बैठक 31 अक्तूबर से शुरू होगी। 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को एक साक्षात्कार में पीएम के ग्लासगो जाने की पुष्टि की। हालांकि, अभी तक उनके कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

बता दें कि चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जक है। कॉप-26 सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच पीएम मोदी की भागीदारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, दुनिया में कई प्रदूषक देशों के मुकाबले हमारा राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (एनडीसी) ज्यादा प्रगतिशील है। भारत 2030 तक हरित ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 450 गीगावॉट करने की ओर बढ़ रहा है। देश में 100 गीगावॉट से ज्यादा नवीनीकृत ऊर्जा क्षमता स्थापित हो चुकी है।

वहीं, मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हफ्तेभर में पीएम की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक के दौरान कॉप-26 को लेकर भारत का रुख तय हो जाएगा।

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