टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Fri, 14 May 2021 04:59 PM IST
सार
DarkSide की इस हैकिंग को लेकर एक सिक्योरिटी फर्म ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है जिसके मुताबिक करीब 740 जीबी डाटा हैकर्स के हाथ लगा है
इलेक्ट्रॉनिक कंपनी Toshiba की एक यूनिट पर साइबर अटैक की खबर है। कहा जा रहा है कि यह रैनसमवेयर अटैक DarkSide ग्रुप ने किया है। बता दें कि यह वही ग्रुप है जिसने हाल ही में अमेरिका सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन कोलोनियल को अपना शिकार बनाया था।
इस साइबर अटैक के बाद साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि DarkSide हैकर्स के करीब 30 ग्रुप हैं जो अलग-अलग देशों की कंपनियों को समय-समय पर अपना शिकार बनाते रहते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम के इस दौर में हैकर्स को किसी कंपनी या संस्था को शिकार बनाना आसान हो गया है।
DarkSide की इस हैकिंग को लेकर एक सिक्योरिटी फर्म ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है जिसके मुताबिक करीब 740 जीबी डाटा हैकर्स के हाथ लगा है जिसमें कंपनी के कर्मचारियों के पासपोर्ट समेत कई निजी जानकारी शामिल हैं। रैनसमवेयर अटैक में हैकर्स डाटा को इंक्रिप्ट कर देते हैं और फिर डीक्रिप्ट करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट मांगते हैं।
बता दें कि डार्कसाइड ग्रुप ने पिछले सप्ताह ही अमेरिका में बड़ा साइबर अटैक किया है जिसके बाद कोलोनियल पाइपलाइन बंद कर दी गई थी। कोलोनियल पाइपलाइन अमेरिका की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन है जिस पर रैनसमवेयर अटैक करके 100 जीबी डाटा चोरी किया गया था। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक अगले सप्ताह बुधवार को कोलोनियल पाइपलाइन को फिर से शुरू किया जाएगा। इससे पहले कंपनी कहा था कि इस साइबर अटैक के कारण नॉर्मल सप्लाई कई दिनों तक बंद रहेगी।
आपको बता दें कि कोलोनियल पाइपलाइन से प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल जाता है। अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में डीजल, गैस और जेट ईंधन की 45 फीसदी आपूर्ति इसी पाइपलाइन से होती है। पाइपलाइन पर साइबर अपराधियों के एक गैंग ने शुक्रवार को हमला किया जिसके बाद से इसकी मरम्मत का काम अभी भी जारी है। इस साइबर अटैक के बाद अमेरिका में इमरजेंसी का एलान किया गया है।
विस्तार
इलेक्ट्रॉनिक कंपनी Toshiba की एक यूनिट पर साइबर अटैक की खबर है। कहा जा रहा है कि यह रैनसमवेयर अटैक DarkSide ग्रुप ने किया है। बता दें कि यह वही ग्रुप है जिसने हाल ही में अमेरिका सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन कोलोनियल को अपना शिकार बनाया था।
इस साइबर अटैक के बाद साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि DarkSide हैकर्स के करीब 30 ग्रुप हैं जो अलग-अलग देशों की कंपनियों को समय-समय पर अपना शिकार बनाते रहते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम के इस दौर में हैकर्स को किसी कंपनी या संस्था को शिकार बनाना आसान हो गया है।
DarkSide की इस हैकिंग को लेकर एक सिक्योरिटी फर्म ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है जिसके मुताबिक करीब 740 जीबी डाटा हैकर्स के हाथ लगा है जिसमें कंपनी के कर्मचारियों के पासपोर्ट समेत कई निजी जानकारी शामिल हैं। रैनसमवेयर अटैक में हैकर्स डाटा को इंक्रिप्ट कर देते हैं और फिर डीक्रिप्ट करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट मांगते हैं।
बता दें कि डार्कसाइड ग्रुप ने पिछले सप्ताह ही अमेरिका में बड़ा साइबर अटैक किया है जिसके बाद कोलोनियल पाइपलाइन बंद कर दी गई थी। कोलोनियल पाइपलाइन अमेरिका की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन है जिस पर रैनसमवेयर अटैक करके 100 जीबी डाटा चोरी किया गया था। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक अगले सप्ताह बुधवार को कोलोनियल पाइपलाइन को फिर से शुरू किया जाएगा। इससे पहले कंपनी कहा था कि इस साइबर अटैक के कारण नॉर्मल सप्लाई कई दिनों तक बंद रहेगी।
आपको बता दें कि कोलोनियल पाइपलाइन से प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल जाता है। अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में डीजल, गैस और जेट ईंधन की 45 फीसदी आपूर्ति इसी पाइपलाइन से होती है। पाइपलाइन पर साइबर अपराधियों के एक गैंग ने शुक्रवार को हमला किया जिसके बाद से इसकी मरम्मत का काम अभी भी जारी है। इस साइबर अटैक के बाद अमेरिका में इमरजेंसी का एलान किया गया है।
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