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Tokyo Olympics: सौरभ से पदक की उम्मीद, टोक्यो ओलंपिक में खत्म करेंगे 9 साल का सूखा

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सार

टोक्यो ओलंपिक में इस बार सौरभ चौधरी से निशानेबाजी में पदक की दरकार है। अगर सौरव निशानेबाजी में पदक जीतते हैं तो भारत 9 साल बाद ओलंपिक में कोई मेडल जीतेगा। टोक्यो ओलंपिक के लिए इस बार 15 भारतीय निशानेबाजोें ने क्वालीफाई किया है। 

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टोक्यो ओलंपिक में इस बार 15 निशानेबाजों ने क्वालिफाई किया है। इसमें दस मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 19 साल के सौरभ चौधरी सबसे बड़े दावेदारों में हैं। आठ विश्व कप स्वर्ण जीत चुके हैं सौरभ के पदकों की सूची में बस ओलंपिक का कॉलम खाली है। निशानेबाजी के अलावा मुक्केबाजी में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल, कुश्ती में बजरंग पुनिया और ट्रैक एंड फील्ड में भालाफेंक एथलीट नीरज चोपड़ा भी पदक की बड़ी उम्मीद हैं।

यह तीन साल पहले जकार्ता एशियाई खेलों के बाद की बात की है, मेरठ में पड़ते कलीना गांव के रहने वाले 16 साल के सौरभ चौधरी का स्वागत गाजे-बाजे के साथ करने की तैयारी कर चुके थे। आखिर उनके गांव के लाड़ले ने एशियाई खेलों में सबसे कम उम्र में स्वर्ण जीतने का कारनामा जो किया था, लेकिन सौरभ को जब पता लगा कि  गांव वाले उन्हें बस अड्डे से फूल-मालाओं से लादकर घर लाने जा रहे हैं तो उन्होंने ऐसा नहीं करने को कहा। उनके मुंह से बस यही निकला अभी इसका समय नहीं आया है। सौरभ के कोच अमित श्योराण की मानें तो सौरभ के दिमाग में ओलंपिक को छोड़ कुछ और नहीं घूम रहा है। उनके लिए अन्य सभी मेडल बेमानी है बस इंतजार है तो ओलंपिक पदक का।

ओलंपिक चैंपियन जांग होंगे सामने 

सौरभ 10 मीटर एयर पिस्टल के व्यक्तिगत मुकाबलों के अलावा मिश्रित युगल में मनु भाकर के साथ पदक के दावेदार हैं। हालांकि सौरभ का यह पहला ओलंपिक है और उनके सामने ओलंपिक चैंपियन जांग ओह, चीन के पेंग पेई, जर्मनी के क्रिस्टियन रिट्ज के अलावा दिल्ली विश्व कप में उन्हें रोचक संघर्ष में हराने वाले ईरान के जावेद फारूकी भी होंगे। हालांकि सौरभ की वर्तमान फॉर्म उन्हें इनसे कहीं ऊपर रखती है। वह क्वालिफाइंग राउंड में आराम से बेहद स्तरीय 585 से 587 का स्कोर मार रहे हैं।

न दोस्त न रिश्तेदारी, बस मेडल की तैयारी 

सौरभ के लिए यह मौका भी आ गया है। अमेरिका टाइम मैगजीन ने भी इस शूटर का लोहा मान उन्हें पदक के दावेदारों की सूची में खड़ा कर दिया है। यह अमित ही थे जिन्होंने सौरभ की प्रतिभा को पहचाना। अमित खुलासा करते हैं कि वह बाहर से बेहद शांत दिखता है, लेकिन उनके अंदर एक आग और जुनून भरा है।  न उनका कोई दोस्त है न वह किसी रिश्तेदारी में जाते हैं और न ही किसी से बात करते हैं। शूटिंग करना और उसके बारे में सोचना यही सौरभ का काम है।

माता-पिता की सेवा करना नहीं भूलते 

ओलंपिक की तैयारियों के लिए क्रोएशिया जाने से पहले लॉकडाउन के दौरान सौरभ की तैयारियां घर पर ही हुईं। उन्होंने अपने घर पर ही 10 मीटर की रेंज बना रखी है। इसी रेंज में उनके बिस्तर लगे हैं और वह वहीं सोते हैं। रात 11 से 12 बजे तक प्रैक्टिस चलती है और सुबह चार बजे वह फिर उठ जाते हैं। योग, प्राणायाम के बाद फिर से अभ्यास का सिलसिला शुरू हो जाता है। दिन में सात से 10 घंटे वह प्रैक्टिस करते हैं। अमित खुलासा करते हैं कि इस दौरान वह माता-पिता की सेवा करना भी नहीं भूलते हैं। जब भी मौका मिलता है दोनों के पैर जरूर दबाते हैं।

मोबाइल तक साथ नहीं ले गए 

सौरभ को शूटिंग के अलावा किसी और से कोई लेना देना नहीं है। क्रोएशिया और टोक्यो के लिए रवाना होने से पहले वह अपने साथ मोबाइल तक नहीं ले गए। घर वालों ने कहा बात कैसे होगी तो बोले कोच साहब के फोन पर बात हो जाएगी।

विस्तार

टोक्यो ओलंपिक में इस बार 15 निशानेबाजों ने क्वालिफाई किया है। इसमें दस मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 19 साल के सौरभ चौधरी सबसे बड़े दावेदारों में हैं। आठ विश्व कप स्वर्ण जीत चुके हैं सौरभ के पदकों की सूची में बस ओलंपिक का कॉलम खाली है। निशानेबाजी के अलावा मुक्केबाजी में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल, कुश्ती में बजरंग पुनिया और ट्रैक एंड फील्ड में भालाफेंक एथलीट नीरज चोपड़ा भी पदक की बड़ी उम्मीद हैं।

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