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Shaktikanta Das : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा, दिसंबर 2024 तक इस पद पर रहेंगे

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Fri, 29 Oct 2021 08:06 AM IST

सार

सरकार ने शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में तीन और वर्षों के लिए फिर से नियुक्त किया है। दिसंबर 2024 तक वो इस पद पर बने रहेंगे। 10 दिसंबर 2018 को शक्तिकांत दास 25वें गवर्नर नियुक्त हुए थे। 

शक्तिकांत दास, आरबीआई गवर्नर
– फोटो : PTI

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाया गया है। 10 दिसंबर 2021 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, लेकिन कैबिनेट नियुक्ति समिति ने शक्तिकांत दास को अगले तीन साल की अवधि के लिए फिर से आरबीआई के गवर्नर बने रहने पर मुहर लगा दी है। 10 दिसंबर को वो 26वें गवर्नर नियुक्त होंगे। 

2018 में 25वें आरबीआई गवर्नर हुए थे नियुक्त
शक्तिकांत दास ने 10 दिसंबर 2018 को रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार संभाला था। वह आरबीआई के 25वें गवर्नर बने। शक्तिकांत दास पूर्व वित्त सचिव और वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं । 2018 में वो उर्जित पटेल की जगह ली थी। उर्जित पटेल सितंबर 2016 में RBI के 24वें गवर्नर नियुक्त हुए थे, लेकिन अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निजी कारणों का हवाला देते हुए अचानक आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। 

कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं शक्तिकांत दास
26 फरवरी 1957 को जन्मे शक्तिकांत दास इतिहास विषय में एम.ए पासआउट हैं और तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी हैं। वह वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में जॉइंट सेक्रेटरी बजट, तमिलनाडु सरकार के राजस्व विभाग में कमिश्नर और स्पेशल कमिश्नर, तमिलनाडु के इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी और अन्य विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। 

दास ने नोटबंदी के झटके के दौरान सरकार का किया बचाव
नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के समय शक्तिकांत दास आर्थिक मामलों के सचिव थे। दास ने नोटबंदी के झटके के दौरान सरकार का बचाव किया। वित्त मंत्रालय में वे पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव बने जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। फिर शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया,  लेकिन मई 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बना दिया गया। दास ने जीएसटी को लागू करने में भी अहम भूमिका निभाई। 

विस्तार

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाया गया है। 10 दिसंबर 2021 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, लेकिन कैबिनेट नियुक्ति समिति ने शक्तिकांत दास को अगले तीन साल की अवधि के लिए फिर से आरबीआई के गवर्नर बने रहने पर मुहर लगा दी है। 10 दिसंबर को वो 26वें गवर्नर नियुक्त होंगे। 

2018 में 25वें आरबीआई गवर्नर हुए थे नियुक्त

शक्तिकांत दास ने 10 दिसंबर 2018 को रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार संभाला था। वह आरबीआई के 25वें गवर्नर बने। शक्तिकांत दास पूर्व वित्त सचिव और वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं । 2018 में वो उर्जित पटेल की जगह ली थी। उर्जित पटेल सितंबर 2016 में RBI के 24वें गवर्नर नियुक्त हुए थे, लेकिन अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निजी कारणों का हवाला देते हुए अचानक आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। 

कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं शक्तिकांत दास

26 फरवरी 1957 को जन्मे शक्तिकांत दास इतिहास विषय में एम.ए पासआउट हैं और तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी हैं। वह वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में जॉइंट सेक्रेटरी बजट, तमिलनाडु सरकार के राजस्व विभाग में कमिश्नर और स्पेशल कमिश्नर, तमिलनाडु के इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी और अन्य विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। 

दास ने नोटबंदी के झटके के दौरान सरकार का किया बचाव

नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के समय शक्तिकांत दास आर्थिक मामलों के सचिव थे। दास ने नोटबंदी के झटके के दौरान सरकार का बचाव किया। वित्त मंत्रालय में वे पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव बने जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। फिर शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया,  लेकिन मई 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बना दिया गया। दास ने जीएसटी को लागू करने में भी अहम भूमिका निभाई। 

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