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RBI News: आर्थिक गतिविधियों पर भारी ओमिक्रॉन, मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने में देरी कर सकता है आरबीआई

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बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 06 Jan 2022 10:22 AM IST

सार

Omicron Might Derail Economic Activities: कोविड-19 संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने में देरी कर सकता है। इसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन आर्थिक गतिविधियों को पटरी से उतार सकता है।   

 

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दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत बढ़ती जा रही है। भारत में भी लगातार कोविड-19 संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। इस बीच एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने में देरी कर सकता है। इसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन आर्थिक गतिविधियों को पटरी से उतार सकता है।   

कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज इजाफा
गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ कई राज्यों ने इसकी रोकथाम के लिए पाबंदियां कड़ी कर दी हैं। इससे पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में बुधवार को एक दिन में कोविड-19 के 58,097 नए मामले सामने आए। करीब 199 दिन बाद इतने अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं। इसमें 2135 मामले नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के हैं। 

अर्थशास्त्रियों ने जताई ये संभावना
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ के अनुसार, ऐसा नहीं लगता कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने के लिये हाल-फिलहाल कोई कदम उठाने जा रही है। फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में तो इसकी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च तिमाही की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर पर 0.30 प्रतिशत का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। बरुआ के अनुसार, संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसकी रोकथाम के लिये लगायी जाने वाली पाबंदियों का वृद्धि पर असर पड़ेगा।

मौजूदा रुख बरकरार रखेगा आरबीआई
इसके अलावा यूबीएस सिक्योरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने भी कहा कि भारत भी उम्मीद करता है कि केंद्रीय बैंक कुछ और समय इस मामले में इंतजार का रुख अपना सकता है। उन्होंने कहा कि यदि नए ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर जोखिम बना रहता है, तो अल्प अवधि में इससे जुड़ी अनिश्चितता को देखते हुए हमें लगता है कि एमपीसी फरवरी की नीतिगत बैठक में देखो और इंतजार करो की नीति अपना सकती है। इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कमजोर वृद्धि के बढ़ते जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक कुछ और समय तक मौजूदा रुख को बरकरार रखेगा।

 

विस्तार

दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत बढ़ती जा रही है। भारत में भी लगातार कोविड-19 संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। इस बीच एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने में देरी कर सकता है। इसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन आर्थिक गतिविधियों को पटरी से उतार सकता है।   

कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज इजाफा

गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ कई राज्यों ने इसकी रोकथाम के लिए पाबंदियां कड़ी कर दी हैं। इससे पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में बुधवार को एक दिन में कोविड-19 के 58,097 नए मामले सामने आए। करीब 199 दिन बाद इतने अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं। इसमें 2135 मामले नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के हैं। 

अर्थशास्त्रियों ने जताई ये संभावना

एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ के अनुसार, ऐसा नहीं लगता कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने के लिये हाल-फिलहाल कोई कदम उठाने जा रही है। फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में तो इसकी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च तिमाही की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर पर 0.30 प्रतिशत का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। बरुआ के अनुसार, संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसकी रोकथाम के लिये लगायी जाने वाली पाबंदियों का वृद्धि पर असर पड़ेगा।

मौजूदा रुख बरकरार रखेगा आरबीआई

इसके अलावा यूबीएस सिक्योरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने भी कहा कि भारत भी उम्मीद करता है कि केंद्रीय बैंक कुछ और समय इस मामले में इंतजार का रुख अपना सकता है। उन्होंने कहा कि यदि नए ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर जोखिम बना रहता है, तो अल्प अवधि में इससे जुड़ी अनिश्चितता को देखते हुए हमें लगता है कि एमपीसी फरवरी की नीतिगत बैठक में देखो और इंतजार करो की नीति अपना सकती है। इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कमजोर वृद्धि के बढ़ते जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक कुछ और समय तक मौजूदा रुख को बरकरार रखेगा।

 

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