ये दौर चौथी औद्योगिक क्रांति का है। डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग की दौड़ में कई बड़े देश एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि जो देश डाटा को कंट्रोल करेगा वो पूरे विश्व को नियंत्रित करेगा। हालांकि बिना क्वांटम कंप्यूटिंग की दौड़ में आगे हुए ऐसा कर पाना संभव नहीं है। आज बड़े पैमाने पर दुनिया के देशों के बीच एक इंफॉर्मेशन वॉर चल रही है। बड़े बड़े देश दूसरे देशों के महत्वपूर्ण डाटा में सेंध लगाकर उसको हथियाना चाहते हैं। इसके लिए विशाल पैमाने पर सुपर कंप्यूटर्स का सहारा लिया जा रहा है। हालांकि आज के हमारे कंप्यूटर्स क्लासिकल कंप्यूटिंग मॉडल पर काम करते हैं, जिसमें सूचनाओं को प्रोसेस करने में काफी समय लगता है। बड़ी बड़ी इक्वेशन को हल करने में वे अपना काफी समय व्यतीत करते हैं। वहीं भविष्य के क्वांटम कंप्यूटर्स की प्रोसेसिंग पावर आज के सुपर कंप्यूटर्स से कहीं ज्यादा अधिक होगी। इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि क्या होते हैं क्वांटम कंप्यूटर और कैसे ये भविष्य को एक नया रूप देंगे।
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Quantum Computing: क्या होती है क्वांटम कंप्यूटिंग, दुनिया के बड़े देश क्यों पड़े इस तकनीक के पीछे?
हमारी क्वांटम दुनिया बहुत अजीब है। रिसर्चर्स ने अपने अध्ययनों में पाया है कि क्वांटम स्टेट में जब पार्टिकल्स को ऑब्जर्व किया जाता है तब वह पार्टिकल फॉर्म में होते हैं। वहीं जब उन्हें ऑब्जर्व नहीं किया जाता तब वे वेव फॉर्म में अपने आप को बदल लेते हैं। पर हकीकत में ये दोनों एक ही समय में वेव भी होते हैं और पार्टिकल भी। जैसे ही हम इनका चुनाव करते हैं ये वेव फंक्शन टूट जाता है और अंत में हमें एक पॉसिबल पार्टिकल स्टेट मिलता है। क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम फिजिक्स के इसी बिहेवियर को सिमुलेट करता है।