शायरी की दुनिया में मुनव्वर राना का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। देश और दुनियाभर में उनके प्रशंसक फैले हुए हैं। 26 नवंबर को वह अपना 69 वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म रायबरेली, उत्तर प्रदेश में हुआ था। देश के बटवारे के समय मुनव्वर राना के परिवार के लोग देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए। लेकिन साम्प्रदायिक तनाव के बावजूद मुनव्वर राना के पिता ने अपना देश नहीं छोड़ा। मुनव्वर ने अपना सारा जीवन रायबरेली में ही बिताया हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर पढ़िए उनके 20 मशहूर शेर जो आपके दिल को छू जाएंगे।
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Munawwar Rana Birthday: मुनव्वर राना के वह 20 शेर, जो दिल को छू जाएंगे
1. तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
2. आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
3. अपनी फजा से अपने जमानों से कट गया
पत्थर खुदा हुआ तो चट्टानों से कट गया
4. बदन चुरा के न चल ऐ कयामते गुजरां
किसी-किसी को तो हम आंख उठा के देखते हैं
5. झुक के मिलते हैं बुजुर्गों से हमारे बच्चे
फूल पर बाग की मिट्टी का असर होता है
6. कोई दुख हो, कभी कहना नहीं पड़ता उससे
वो जरूरत हो तलबगार से पहचानता है
7. एक क़िस्से की तरह वो तो मुझे भूल गया
इक कहानी की तरह वो है मगर याद मुझे
8. भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है
9. हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं
10 . अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है
जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है
11. किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
12. मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
अब इस से ज़यादा मैं तेरा हो नहीं सकता
13. वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
रेत पर ओस से इक नाम लिखा होता है
14. मैं भुलाना भी नहीं चाहता इस को लेकिन
मुस्तक़िल ज़ख़्म का रहना भी बुरा होता है
15. ये हिज्र का रस्ता है ढलानें नहीं होतीं
सहरा में चराग़ों की दुकानें नहीं होतीं
16. नये कमरों में अब चीजें पुरानी कौन रखता है
परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है