न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: न्यूज डेस्क
Updated Fri, 21 Jan 2022 11:03 PM IST
सार
सी-46 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट चीन के कुनमिंग से 1945 के जनवरी के पहले हफ्ते में 13 लोगों को लेकर जा रहा था।
विश्वयुद्ध 2 का एक क्रैश हुआ लापता विमान 77 साल के बाद भारत के अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में मिला है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : Social media
अरुनाचल प्रदेश में लगभग 77 साल बाद एक लापता द्वितीय विश्व युद्ध के विमान की खोज की गई है, जिसमें कोई भी जीवित नहीं बचा था। इतने वर्षों में इस विमान की तलाशी में अब तक तीन गाइड की मृत्यु हो चुकी है। इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सी-46 परिवहन विमान में दक्षिणी चीन के कुनमिंग से 13 लोग सवार थे, जब यह 1945 की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश राज्य के एक पहाड़ी हिस्से में तूफानी मौसम में खो गया था।
इस विमान की खोज कर रहे एक अमेरिकी एडवेंचरर व दुर्घटना में मारे गए लोगों में से एक के बेटे क्लेटन कुहल्स को बिल शेरर द्वारा खोज का यह काम सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि इस विमान को फिर से कभी नहीं सुना गया था। यह बस गायब हो गया था। उन्होंने बताया कि इस अभियान में उन्हें महीनों लग गए थे। स्थानीय लिसू जातीय समूह के गाइडों की एक टीम ने विमान की खोज के लिए गहरी नदियां पार कर ऊंचाई पर बेहद ठंडे तापमान में शिविर लगाया था। जिसके बाद ही हाइपोथर्मिया के कारण तीन गाइड की मौत हो गई थी।
टेल नंबर से मुमकिन हुई पहचान
टीम ने आखिरकार दिसंबर 2021 में विमान को बर्फ से ढके पहाड़ की चोटी पर खोज लिया। जहां टेल नंबर से मलबे की पहचान की गई थी। क्लेटन कुहल्स मे एएफपी के हवाले से बताया कि मैं बिना पिता के बड़ा हुआ हूं। मैं केवल अपनी लाचार मां के बारे में सोच सकता हूं, जो सालों से उन्हें खोज रहीं थी। मैं एयरक्राफ्ट के दुर्घटना के वक्त केवल 13 महीने का था। इसलिए मैं इस खोज से बहुत खुश हूं।
सूत्रों के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत, चीन और म्यांमार में ऑपरेशन थिएटर के आसपास सैकड़ों अमेरिकी सैन्य विमान लापता हो गए थे। क्लेटन कुहल्स ने बताया है कि जापानी सेना की ओर से की गई गोलीबारी में कुछ विमानों को नुकसान हुआ था लेकिन माना जाता है कि अधिकतर विमान खराब मौसम की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुए और गायब हो गए थे।
विस्तार
अरुनाचल प्रदेश में लगभग 77 साल बाद एक लापता द्वितीय विश्व युद्ध के विमान की खोज की गई है, जिसमें कोई भी जीवित नहीं बचा था। इतने वर्षों में इस विमान की तलाशी में अब तक तीन गाइड की मृत्यु हो चुकी है। इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सी-46 परिवहन विमान में दक्षिणी चीन के कुनमिंग से 13 लोग सवार थे, जब यह 1945 की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश राज्य के एक पहाड़ी हिस्से में तूफानी मौसम में खो गया था।
इस विमान की खोज कर रहे एक अमेरिकी एडवेंचरर व दुर्घटना में मारे गए लोगों में से एक के बेटे क्लेटन कुहल्स को बिल शेरर द्वारा खोज का यह काम सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि इस विमान को फिर से कभी नहीं सुना गया था। यह बस गायब हो गया था। उन्होंने बताया कि इस अभियान में उन्हें महीनों लग गए थे। स्थानीय लिसू जातीय समूह के गाइडों की एक टीम ने विमान की खोज के लिए गहरी नदियां पार कर ऊंचाई पर बेहद ठंडे तापमान में शिविर लगाया था। जिसके बाद ही हाइपोथर्मिया के कारण तीन गाइड की मौत हो गई थी।
टेल नंबर से मुमकिन हुई पहचान
टीम ने आखिरकार दिसंबर 2021 में विमान को बर्फ से ढके पहाड़ की चोटी पर खोज लिया। जहां टेल नंबर से मलबे की पहचान की गई थी। क्लेटन कुहल्स मे एएफपी के हवाले से बताया कि मैं बिना पिता के बड़ा हुआ हूं। मैं केवल अपनी लाचार मां के बारे में सोच सकता हूं, जो सालों से उन्हें खोज रहीं थी। मैं एयरक्राफ्ट के दुर्घटना के वक्त केवल 13 महीने का था। इसलिए मैं इस खोज से बहुत खुश हूं।
सूत्रों के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत, चीन और म्यांमार में ऑपरेशन थिएटर के आसपास सैकड़ों अमेरिकी सैन्य विमान लापता हो गए थे। क्लेटन कुहल्स ने बताया है कि जापानी सेना की ओर से की गई गोलीबारी में कुछ विमानों को नुकसान हुआ था लेकिन माना जाता है कि अधिकतर विमान खराब मौसम की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुए और गायब हो गए थे।
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