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Indian Independence Day 2021: भारत द्वारा हॉकी में आठ गोल्ड, आजादी का जश्न भी गोल्ड से
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sun, 15 Aug 2021 08:56 AM IST
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फुटबॉल में भी गोल्ड
आज भले हम विश्व की फुटबॉल रैंक में 105वीं हों, पर 1951 के एशियाड मे हमने फुटबॉल का गोल्ड जीता था।
मिल्खा सिंह को गोल्ड
मिल्खा सिंह भारत के कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतने वाले पहले एथलीट थे। एशियाई खेलों में भी यह कारनामा किया।
ओलंपिक के व्यक्तिगत पदक
खाशाबा दादासाहेब जाधव ने भारत को 1952 में पहला व्यक्तिगत पदक कुश्ती में दिलवाया।
- 2008 में बीजिंग ओलंपिक में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने पहला व्यक्तिगत गोल्ड जीता।
- 2021 में टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता।
बैडमिंटन में तहलका
- 1980 में प्रकाश पादुकोणे ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती। 1978 कॉमनवेल्थ में भी गोल्ड जीता।
- उनके रिटायरमेंट के बाद 1992 में बैडमिंटन ओलंपिक का हिस्सा बना, कहा जाता है कि उनके समय में ऐसा होता तो वे भारत को ओलंपिक पदक जरूर दिलाते।
मैरीकॉम छह बार, तो आनंद पांच बार विश्व चैंपियन
भारतीय मुक्केबाज मैरीकॉम ने 2002 में 45 किलोग्राम वजन श्रेणी में मुक्केबाजी की विश्व चैंपियनशिप जीतते हुए जो कारनामा किया, उसे उन्हाेंने पांच बार और दोहराया। वहीं मुक्केबाजी की शारीरिक मारधाड़ के उलट दिमागी मारकाट भरे खेल शतरंज में विश्वनाथन आनंद ने पांच बार विश्व चैंपियनशिप जीतकर भारतीय दिमाग से विश्व का परिचय करवाया। वे चार बार तो लगातार चैंपियन बने।
विस्तार
फुटबॉल में भी गोल्ड
आज भले हम विश्व की फुटबॉल रैंक में 105वीं हों, पर 1951 के एशियाड मे हमने फुटबॉल का गोल्ड जीता था।
मिल्खा सिंह को गोल्ड
मिल्खा सिंह भारत के कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतने वाले पहले एथलीट थे। एशियाई खेलों में भी यह कारनामा किया।
ओलंपिक के व्यक्तिगत पदक
खाशाबा दादासाहेब जाधव ने भारत को 1952 में पहला व्यक्तिगत पदक कुश्ती में दिलवाया।
- 2008 में बीजिंग ओलंपिक में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने पहला व्यक्तिगत गोल्ड जीता।
- 2021 में टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता।
बैडमिंटन में तहलका
- 1980 में प्रकाश पादुकोणे ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती। 1978 कॉमनवेल्थ में भी गोल्ड जीता।
- उनके रिटायरमेंट के बाद 1992 में बैडमिंटन ओलंपिक का हिस्सा बना, कहा जाता है कि उनके समय में ऐसा होता तो वे भारत को ओलंपिक पदक जरूर दिलाते।
मैरीकॉम छह बार, तो आनंद पांच बार विश्व चैंपियन
भारतीय मुक्केबाज मैरीकॉम ने 2002 में 45 किलोग्राम वजन श्रेणी में मुक्केबाजी की विश्व चैंपियनशिप जीतते हुए जो कारनामा किया, उसे उन्हाेंने पांच बार और दोहराया। वहीं मुक्केबाजी की शारीरिक मारधाड़ के उलट दिमागी मारकाट भरे खेल शतरंज में विश्वनाथन आनंद ने पांच बार विश्व चैंपियनशिप जीतकर भारतीय दिमाग से विश्व का परिचय करवाया। वे चार बार तो लगातार चैंपियन बने।