बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 28 Oct 2020 04:28 PM IST
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वाणिज्य मंत्री को लिखा पत्र
कैट ने इस बारे में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा है। पत्र में मंत्री से इस सौदे को अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है। कैट ने कहा कि एबीएफआरएल को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से फ्लिपकार्ट समूह के स्वामित्व-नियंत्रण वाले मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर अपना सामान बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
पीयूष गोयल से किया आग्रह
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने गोयल से आग्रह किया है कि इस प्रस्तावित एफडीआई को तब तक अनुमति नहीं दी जाए, जब तक कि एबीएफआरएल यह भरोसा नहीं दे देती है कि वह वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट समूह के मार्केटप्लेस के जरिए अपना तैयार माल नहीं बेचेगी। कैट ने कहा कि कंपनी की ओर से शेयर बाजारों को जो सूचना दी गई है, उससे फ्लिपकार्ट समूह के स्वामित्व और परिचालन वाले मार्केटप्लेस पर एबीएफआरएल को एक ‘वरीयता विक्रेता’ बनाने की मंशा का पता चलता है जो सरकार की नीति का उल्लंघन है।
ये है नियम
कैट ने कहा कि मौजूदा एफडीआई नीति किसी भी विदेशी कंपनी को ऐसी किसी भी कंपनी में जिसमें उसका निवेश हो, उसको ई-कॉमर्स सहित बहु ब्रांड खुदरा व्यापार में किसी भी प्रकार के गठजोड़ की अनुमति नहीं देती है, फिर चाहे वो ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से ही क्यों न जुड़ा हो।
ABFRL के पास 3,004 स्टोर्स का नेटवर्क
ABFRL के पास 3,004 स्टोर्स का नेटवर्क है, जिसमें 23,700 मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स की उपस्थिति है। यह पैंटालूंस खुदरा के अलावा वैन ह्यूसेन, लुई फिलिप, एलन सोली और पीटर इंग्लैंड जैसे ब्रांडों का संचालन करता है।
