एएनआई, पोर्ट ब्लेयर
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 20 Mar 2022 04:14 AM IST
सार
चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ के बढ़ते खतरे को देखते हुए बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी और उससे सटे अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण इलाकों में मौजूद भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने सभी नाविकों और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है।
चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने के अनुमान के साथ, प्रशासन द्वीपसमूह में स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रहा है। इसी के तहत बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी और उससे सटे अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण इलाकों में मौजूद भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने सभी नाविकों और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है।
22 मार्च तक समुद्र में न जाने की अपील
इससे पहले शनिवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर साल के पहले चक्रवात ‘आसनी’ के खतरे के मंडराने के बाद अंडमान और निकोबार द्वीप प्रशासन ने मछुआरों के लिए एक सलाह जारी कर उनसे 19-22 मार्च तक चक्रवात की अवधि के दौरान समुद्र में न जाने की अपील की थी।
अंडमान और निकोबार प्रशासन ने शनिवार सुबह ट्वीट किया था, “चक्रवात ‘आसनी’ की अवधि के दौरान मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है।” भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान में कहा गया है कि बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर निम्न दबाव वाले क्षेत्र के 21 मार्च के आसपास एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इसके बाद यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आस-पास चलेगा या बंद हो जाएगा और 22 मार्च को बांग्लादेश-उत्तर म्यांमार के तटों पर पहुंचेगा।
इससे पहले राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने 17 मार्च को ट्वीट किया था, “दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर कम दबाव क्षेत्र 19 मार्च को अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में बदल जाएगा और यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आस-पास पहुंचेगा। इसके बाद यह 20 मार्च की सुबह तक तेजी से गिरेगा और 21 मार्च को एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके बाद उत्तर दिशा के करीब उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए 22 मार्च को बांग्लादेश-उत्तर म्यांमार तटों तक पहुंच जाएगा।”
एक बयान के अनुसार, मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण ने शुक्रवार को यहां हुई एक बैठक में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निकाले गये लोगों को आश्रय देने के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो।
नारायण ने निर्देश दिया कि खराब मौसम को देखते हुए नौ-परिवहन सेवाओं को तुरंत स्थगित कर दिया जाए और मछली पकड़ने वाली किसी भी नाव को समुद्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग से लोगों के बीच इस संबंध में जागरूकता फैलाने को कहा। मौसम विभाग ने 20 मार्च को अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी दी है। विभाग ने कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और केंद्र शासित प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई है।
विस्तार
चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने के अनुमान के साथ, प्रशासन द्वीपसमूह में स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रहा है। इसी के तहत बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी और उससे सटे अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण इलाकों में मौजूद भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने सभी नाविकों और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है।
22 मार्च तक समुद्र में न जाने की अपील
इससे पहले शनिवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर साल के पहले चक्रवात ‘आसनी’ के खतरे के मंडराने के बाद अंडमान और निकोबार द्वीप प्रशासन ने मछुआरों के लिए एक सलाह जारी कर उनसे 19-22 मार्च तक चक्रवात की अवधि के दौरान समुद्र में न जाने की अपील की थी।
अंडमान और निकोबार प्रशासन ने शनिवार सुबह ट्वीट किया था, “चक्रवात ‘आसनी’ की अवधि के दौरान मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है।” भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान में कहा गया है कि बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर निम्न दबाव वाले क्षेत्र के 21 मार्च के आसपास एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इसके बाद यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आस-पास चलेगा या बंद हो जाएगा और 22 मार्च को बांग्लादेश-उत्तर म्यांमार के तटों पर पहुंचेगा।
इससे पहले राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने 17 मार्च को ट्वीट किया था, “दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर कम दबाव क्षेत्र 19 मार्च को अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में बदल जाएगा और यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आस-पास पहुंचेगा। इसके बाद यह 20 मार्च की सुबह तक तेजी से गिरेगा और 21 मार्च को एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके बाद उत्तर दिशा के करीब उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए 22 मार्च को बांग्लादेश-उत्तर म्यांमार तटों तक पहुंच जाएगा।”
एक बयान के अनुसार, मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण ने शुक्रवार को यहां हुई एक बैठक में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निकाले गये लोगों को आश्रय देने के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो।
नारायण ने निर्देश दिया कि खराब मौसम को देखते हुए नौ-परिवहन सेवाओं को तुरंत स्थगित कर दिया जाए और मछली पकड़ने वाली किसी भी नाव को समुद्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग से लोगों के बीच इस संबंध में जागरूकता फैलाने को कहा। मौसम विभाग ने 20 मार्च को अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी दी है। विभाग ने कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और केंद्र शासित प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई है।
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