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Corona vaccine: सरकार ने जुलाई में 12 करोड़ वैक्सीन देने का रखा था लक्ष्य, लेकिन 66 फीसदी मिली सफलता

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कोरोना वैक्सीन को लेकर जहां सियासी दलों में आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। वहीं फार्मा कंपनियों के दावे भी बीते सात महीने से सुनने को मिल रहे हैं। जबकि जमीनी स्तर पर टीकाकरण से जुड़े आंकड़े एक अलग ही तस्वीर से रूबरू करा रहे हैं।

जुलाई के लिए केंद्र सरकार ने 12 करोड़ वैक्सीन राज्यों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था जिसमें से 10 करोड़ कोविशील्ड और 2 करोड़ खुराक कोवाक्सिन की थी लेकिन जुलाई माह के 31 दिन में वैक्सीन की 17 खेप जारी की गईं जिनके जरिये 7.90 करोड़ खुराक उपलब्ध हुईं।

एक से 31 जुलाई के बीच पत्र सूचना कार्यालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज से मिले इन आंकड़ों के हिसाब से सरकार जुलाई में अपने लक्ष्य को 66 फीसदी ही पूरा कर सकी। जबकि इससे पहले जून के महीने में सरकार ने नौ करोड़ से भी ज्यादा खुराक अलग अलग कोटा के जरिए उपलब्ध कराई थीं।

दरअसल देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम संचालित है। इसके तहत देश में अब तक 46.73 करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हुआ है जिनमें से 10.25 करोड़ से ज्यादा लोग दो खुराक लेकर वैक्सीन कोर्स पूरा कर चुके हैं।

हाल ही में संसदीय समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 जुलाई तक 51 करोड़ से भी ज्यादा टीकाकरण होने का अनुमान लगाया था जो गलत साबित हुआ। पिछले साल अक्तूबर-नवंबर से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक कंपनी करोड़ों खुराकें हर महीने उपलब्ध कराने के दावे कर चुकी हैं लेकिन फिलहाल आंकड़े इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं।

रविवार को सोशल मीडिया पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लिखा कि जुलाई में 13 करोड़ टीकाकरण हुआ है जिसके लिए हमें अपने स्वास्थ्यकर्मियों पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने यह जानकारी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट पर दी जिसमें राहुल गांधी ने लिखा, जुलाई चला गया है, वैक्सीन की कमी नहीं गई।

जुलाई से ज्यादा मिली थीं जून में
आंकड़ों की बात करें तो केंद्र सरकार ने जून  के दौरान 6,67,78,160 कोविशील्ड और कोवाक्सिन की 98,26,000 खुराकें निशुल्क राज्यों को उपलब्ध कराई थीं। वहीं इसी महीने राज्यों ने अपने बजट से 1,97,98,090 खुराकें खरीदीं। यानी कुल 9.64 करोड़ खुराक उपलब्ध हुई थीं जो जुलाई की तुलना में 1.73 करोड़ से भी कम है।

पूरे देश में नहीं है कोवाक्सिन
वैक्सीन की कमी को लेकर सबसे ज्यादा सवाल भारत बायोटेक कंपनी पर हैं जो पहले एक पानी की बोतल से भी कम कीमत में वैक्सीन मिलने का दावा कर रहे थे लेकिन बाद में उनकी वैक्सीन 1200 रुपये से भी अधिक कीमत में सामने आई।

इसी कंपनी ने बीते आठ से नौ माह में उत्पादन बढ़ाने के वादे किए हैं लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि सात महीने में यह केवल पांच करोड़ खुराक उपलब्ध कराई पाई है। यह वैक्सीन पूरे देश में नहीं है।

लद्दाख, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, चंडीगढ़ सहित 13 राज्यों में अब तक एक भी खुराक इस वैक्सीन की उपलब्ध नहीं हुई है। इसके अलावा कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में होने वाला उत्पादन भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है।

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