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Budget 2022: बजट से एक दिन पहले आता है इकनॉमिक सर्वे, देश की सेहत का लेखा-जोखा करता है बयां
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 29 Jan 2022 10:37 AM IST
सार
Know All About Economic Survey:1 फरवरी 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी। आमतौर पर बजट से ठीक एक दिन पहले सरकार संसद में इकनॉमिक सर्वे पेश करती है। यह बेहद महत्वपूर्ण होता है बजट की पूरी तस्वीर पेश करने वाला होता है। आइए जानते हैं क्यों जरूरी होता है यह आर्थिक सर्वेक्षण।
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क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण
बजट हर साल 1 फरवरी के दिन पेश किया जाता है। इसके ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण को सामने रखा जाता है, हालांकि पिछले साल इसे 29 जनवरी को पेश किया गया था। आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर पेश की जाती है और पूरा लेखा.जोखा रहता है। दूसरे शब्दों में कहें तो आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का लेखा.जोखा होता है। इसके जरिए सरकार देश को अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में बताती है। इसमें साल भर में विकास का क्या ट्रेंड रहा, किस क्षेत्र में कितनी पूंजी आई, विभिन्न योजनाएं किस तरह लागू हुईं इत्यादि इन सभी बातों की जानकारी होती है। इसके साथ ही इसमें सरकारी नीतियों की जानकारी होती है।
बजट का मुख्य आधार आर्थिक सर्वे
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को बजट का मुख्य आधार माना जाता है। हालांकि इसकी सिफारिशें सरकार लागू ही करे, ऐसा जरूरी नहीं होता है। इसमें सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तृत जानकारी होती है। इसे दो हिस्सों में पेश किया जाता है। पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था की हालत बताई जाती है और दूसरे हिस्से में प्रमुख आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं। आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में इस दस्तावेज को तैयार किया जाता है।
1950-51 में पहला आर्थिक सर्वे पेश
जब एक बार दस्तावेज तैयार हो जाता है, तो उसे वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है। पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। बजट के समय ही इस दस्तावेज को पेश किया जाता है। पिछले कुछ सालों में आर्थिक सर्वेक्षण को दो खंडों में प्रस्तुत किया जाने लगा है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट ऐसे समय में पेश होने वाला है, जब देश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और कोरोना के नए वैरिेएंट ओमिक्रॉन के चलते अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर दिख रहा है। उम्मीद है यह बजट कोरोना से अर्थव्यवस्था को उबारने वाला बजट होगा।
विस्तार
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण
बजट हर साल 1 फरवरी के दिन पेश किया जाता है। इसके ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण को सामने रखा जाता है, हालांकि पिछले साल इसे 29 जनवरी को पेश किया गया था। आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर पेश की जाती है और पूरा लेखा.जोखा रहता है। दूसरे शब्दों में कहें तो आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का लेखा.जोखा होता है। इसके जरिए सरकार देश को अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में बताती है। इसमें साल भर में विकास का क्या ट्रेंड रहा, किस क्षेत्र में कितनी पूंजी आई, विभिन्न योजनाएं किस तरह लागू हुईं इत्यादि इन सभी बातों की जानकारी होती है। इसके साथ ही इसमें सरकारी नीतियों की जानकारी होती है।
बजट का मुख्य आधार आर्थिक सर्वे
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को बजट का मुख्य आधार माना जाता है। हालांकि इसकी सिफारिशें सरकार लागू ही करे, ऐसा जरूरी नहीं होता है। इसमें सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तृत जानकारी होती है। इसे दो हिस्सों में पेश किया जाता है। पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था की हालत बताई जाती है और दूसरे हिस्से में प्रमुख आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं। आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में इस दस्तावेज को तैयार किया जाता है।
1950-51 में पहला आर्थिक सर्वे पेश
जब एक बार दस्तावेज तैयार हो जाता है, तो उसे वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है। पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। बजट के समय ही इस दस्तावेज को पेश किया जाता है। पिछले कुछ सालों में आर्थिक सर्वेक्षण को दो खंडों में प्रस्तुत किया जाने लगा है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट ऐसे समय में पेश होने वाला है, जब देश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और कोरोना के नए वैरिेएंट ओमिक्रॉन के चलते अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर दिख रहा है। उम्मीद है यह बजट कोरोना से अर्थव्यवस्था को उबारने वाला बजट होगा।