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Bad Bank: बैड बैंक में हस्तांतरित होगा 50,000 करोड़ का एनपीए, एसबीआई चेयरमैन बोले- जल्द शुरू होगा कामकाज, मिलीं सभी मंजूरियां

Bad Bank: बैड बैंक में हस्तांतरित होगा 50,000 करोड़ का एनपीए, एसबीआई चेयरमैन बोले- जल्द शुरू होगा कामकाज, मिलीं सभी मंजूरियां

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 28 Jan 2022 10:38 PM IST

सार

एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि शुरुआत में 82,245 करोड़ रुपये के कुल 38 एनपीए खातों को बैड बैंक में हस्तांतरित किया जाएगा। इन सभी खातों का हस्तांतरण चरणबद्ध तरीके से होगा। बैंक पहले चरण में 50,000 करोड़ रुपये के 15 एनपीए खाते हस्तांतरित करने पर सहमत हो गए हैं। 31 मार्च, 2022 तक इनका हस्तांतरण पूरा हो जाएगा। 

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देश में बैड बैंक या राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) का परिचालन शुरू करने के लिए सभी जरूरी मंजूरियां मिल गई हैं। जल्द ही यह कामकाज शुरू कर देगा। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बैड बैंक का कामकाज शुरू होने से सरकारी बैंकों को एनपीए के मोर्चे पर राहत मिलगी।

एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि शुरुआत में 82,245 करोड़ रुपये के कुल 38 एनपीए खातों को बैड बैंक में हस्तांतरित किया जाएगा। इन सभी खातों का हस्तांतरण चरणबद्ध तरीके से होगा। बैंक पहले चरण में 50,000 करोड़ रुपये के 15 एनपीए खाते हस्तांतरित करने पर सहमत हो गए हैं। 31 मार्च, 2022 तक इनका हस्तांतरण पूरा हो जाएगा। 

उन्होंने कहा कि हम सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा कर चालू वित्त वर्ष के अंत तक इन खातों को हस्तांतरित करने की कोशिश कर रहे हैं। खारा ने कहा किभारत ऋण समाधान कंपनी लिमिटेड (आईडीआरसीएल) को भी सभी जरूरी नियामकीय मंजूरियां मिल गई हैं। यह कंपनी तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का प्रबंधन करेगी। साथ ही बाजार पेशेवरों और टर्नअराउंड विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में बैड बैंक स्थापित करने की घोषणा की थी।

एनपीए के मोर्चे पर बैंकों को मिलेगी राहत
खारा ने कहा कि शुरुआत में दोनों संस्थानों को जरूरी मंजूरी मिलने को लेकर कुछ चिंताएं थीं। बाद में कामकाज शुरू करने को लेकर मंजूरी मिल गई। उन्होंने कहा कि यह अनूठी सार्वजनिक-निजी भागीदारी तनावग्रस्त संपत्तियों के समाधान के लिए एग्रीगेशन और विशेषज्ञता का लाभ उठाएगी। सरकारी बैंकों को अपने बैलेंस शीट की सफाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक दो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति बैड बैंक में हस्तांतरित की जाएगी। एसबीआई  के प्रबंध निदेशक (तनावग्रस्त संपत्ति समाधान समूह) जे स्वामीनाथन ने कहा कि पहले बताए गए खातों में कई का समाधान किया जा चुका है।

इसलिए बनाया गया बैड बैंक

  • सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट की सफाई के लिए उनके तनावग्रस्त  परिसंपत्तियों के अधिग्रहण करने के उद्देश्य से बैड बैंक बनाने की कल्पना की गई। उस कर्ज को बैड लोन माना जाता है, जिन पर 90 दिन से ज्यादा समय से कोई ब्याज या मूलधन प्राप्त नहीं हुआ हो।
  • आरबीआई ने 29 दिसंबर की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कहा था कि बैंकों का सकल एनपीए सितंबर, 2021 के 6.9 फीसदी से बढ़कर सितंबर, 2022 तक 8.1 फीसदी पहुंच सकता है। स्थिति बिगड़ने पर यह 9.5 फीसदी तक पहुंच सकता है।
  • अगर ओमिक्रॉन की लहर जारी रहती है तो यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
  • योजना के अनुसार, बैंकों को अग्रिम रूप से हस्तांतरित की जा रही संपत्ति के मूल्य का 15 फीसदी नकद में मिलेगा। बाकी 85 फीसदी सुरक्षा रसीद (एसआर) के रूप में दिया जाएगा। 

विस्तार

देश में बैड बैंक या राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) का परिचालन शुरू करने के लिए सभी जरूरी मंजूरियां मिल गई हैं। जल्द ही यह कामकाज शुरू कर देगा। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बैड बैंक का कामकाज शुरू होने से सरकारी बैंकों को एनपीए के मोर्चे पर राहत मिलगी।

एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि शुरुआत में 82,245 करोड़ रुपये के कुल 38 एनपीए खातों को बैड बैंक में हस्तांतरित किया जाएगा। इन सभी खातों का हस्तांतरण चरणबद्ध तरीके से होगा। बैंक पहले चरण में 50,000 करोड़ रुपये के 15 एनपीए खाते हस्तांतरित करने पर सहमत हो गए हैं। 31 मार्च, 2022 तक इनका हस्तांतरण पूरा हो जाएगा। 

उन्होंने कहा कि हम सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा कर चालू वित्त वर्ष के अंत तक इन खातों को हस्तांतरित करने की कोशिश कर रहे हैं। खारा ने कहा किभारत ऋण समाधान कंपनी लिमिटेड (आईडीआरसीएल) को भी सभी जरूरी नियामकीय मंजूरियां मिल गई हैं। यह कंपनी तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का प्रबंधन करेगी। साथ ही बाजार पेशेवरों और टर्नअराउंड विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में बैड बैंक स्थापित करने की घोषणा की थी।

एनपीए के मोर्चे पर बैंकों को मिलेगी राहत

खारा ने कहा कि शुरुआत में दोनों संस्थानों को जरूरी मंजूरी मिलने को लेकर कुछ चिंताएं थीं। बाद में कामकाज शुरू करने को लेकर मंजूरी मिल गई। उन्होंने कहा कि यह अनूठी सार्वजनिक-निजी भागीदारी तनावग्रस्त संपत्तियों के समाधान के लिए एग्रीगेशन और विशेषज्ञता का लाभ उठाएगी। सरकारी बैंकों को अपने बैलेंस शीट की सफाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक दो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति बैड बैंक में हस्तांतरित की जाएगी। एसबीआई  के प्रबंध निदेशक (तनावग्रस्त संपत्ति समाधान समूह) जे स्वामीनाथन ने कहा कि पहले बताए गए खातों में कई का समाधान किया जा चुका है।

इसलिए बनाया गया बैड बैंक

  • सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट की सफाई के लिए उनके तनावग्रस्त  परिसंपत्तियों के अधिग्रहण करने के उद्देश्य से बैड बैंक बनाने की कल्पना की गई। उस कर्ज को बैड लोन माना जाता है, जिन पर 90 दिन से ज्यादा समय से कोई ब्याज या मूलधन प्राप्त नहीं हुआ हो।
  • आरबीआई ने 29 दिसंबर की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कहा था कि बैंकों का सकल एनपीए सितंबर, 2021 के 6.9 फीसदी से बढ़कर सितंबर, 2022 तक 8.1 फीसदी पहुंच सकता है। स्थिति बिगड़ने पर यह 9.5 फीसदी तक पहुंच सकता है।
  • अगर ओमिक्रॉन की लहर जारी रहती है तो यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
  • योजना के अनुसार, बैंकों को अग्रिम रूप से हस्तांतरित की जा रही संपत्ति के मूल्य का 15 फीसदी नकद में मिलेगा। बाकी 85 फीसदी सुरक्षा रसीद (एसआर) के रूप में दिया जाएगा। 

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