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2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाएंगे हम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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जी20 बैठक में जलवायु परिवर्तन पर भारत के बड़े कदमों की दी जानकारी, विश्व को बताया त्वरित तरक्की के लिए खास मंत्र
उन्होंने सभी देशों से जलवायु परिवर्तन से बंद दरवाजों के पीछे नहीं बल्कि एकीकृत, व्यापक और समग्र तरीके से लड़ने का आह्वान किया। साथ ही एक बड़ा ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने भारत के लिए 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन को दोबारा खेती लायक उपजाऊ बनाने का लक्ष्य भी तय किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित ‘ग्रह की सुरक्षा : सर्कुलर कार्बन अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोंधित किया। उन्होंने कहा, भारत न केवल पेरिस समझौते का पालन कर रहा है बल्कि उससे भी ज्यादा काम करके दिखा रहा है। उन्होंने कहा, मानवता की समृद्धि के लिए, हर एक व्यक्ति समृद्ध करना होगा।
श्रम को उत्पादन के अकेले कारक के रूप में देखने के बजाय, हर कर्मचारी की मानवीय गरिमा पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दृष्टिकोण से ही गृह की सुरक्षा की सबसे बढ़िया गारंटी मिलेगी। जी20 शिखर सम्मेलन इस बार सऊदी अरब की अध्यक्षता में वर्चुअल तरीके से आयोजित हो रहा है।
पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हिस्सेदारी करते हुए कहा, कोविड-19 (कोरोना वायरस) के समय हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है।पीएम मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है कि हम नई खोज करें और विज्ञान की मदद से नई चीजों का आविष्कार करें। भारत ने जलवायु परिवर्तन को लेकर कई क्षेत्रों में काम किया है।
मोदी ने जलवायु परिवर्तन की दिशा में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को जिक्र किया और 88 सदस्यों के साथ इसे सबसे तेजी से बढ़ता अंतरराष्ट्रीय संगठन करार दिया। उन्होंने कहा कि अरबों डॉलर जुटाने, हजारों हितधारकों को प्रशिक्षित करने और अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने की योजना के साथ, आईएसए कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में योगदान दे रहा है।
ये गिनाए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारतीय प्रयास
– एलईडी लाइट लोकप्रिय बनाकर प्रतिवर्ष 3.8 करोड़ टन तक कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन घटाया
– देश में वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है, जिससे शेर और चीतों की आबादी भी बढ़ रही है
– उज्जवला योजना के जरिये 8 करोड़ से ज्यादा घरों को धुआं मुक्त रसोई का लाभ दिया है
– उज्जवला योजना दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छ ऊर्जा अभियान है
– सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह खत्म करने पर चल रहा है प्रयास
– मेट्रो नेटवर्क, जलमार्ग जैसे अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर किए जा रहे हैं लगातार तैयार
– 2022 से पहले ही भारत 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का अपना लक्ष्य हासिल कर लेगा
– 2030 तक अक्षय ऊर्जा को 450 गीगावाट कर लेने का बड़ा लक्ष्य तय कर लिया गया है
जी20 बैठक में जलवायु परिवर्तन पर भारत के बड़े कदमों की दी जानकारी, विश्व को बताया त्वरित तरक्की के लिए खास मंत्र
उन्होंने सभी देशों से जलवायु परिवर्तन से बंद दरवाजों के पीछे नहीं बल्कि एकीकृत, व्यापक और समग्र तरीके से लड़ने का आह्वान किया। साथ ही एक बड़ा ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने भारत के लिए 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन को दोबारा खेती लायक उपजाऊ बनाने का लक्ष्य भी तय किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित ‘ग्रह की सुरक्षा : सर्कुलर कार्बन अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोंधित किया। उन्होंने कहा, भारत न केवल पेरिस समझौते का पालन कर रहा है बल्कि उससे भी ज्यादा काम करके दिखा रहा है। उन्होंने कहा, मानवता की समृद्धि के लिए, हर एक व्यक्ति समृद्ध करना होगा।
श्रम को उत्पादन के अकेले कारक के रूप में देखने के बजाय, हर कर्मचारी की मानवीय गरिमा पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दृष्टिकोण से ही गृह की सुरक्षा की सबसे बढ़िया गारंटी मिलेगी। जी20 शिखर सम्मेलन इस बार सऊदी अरब की अध्यक्षता में वर्चुअल तरीके से आयोजित हो रहा है।
पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हिस्सेदारी करते हुए कहा, कोविड-19 (कोरोना वायरस) के समय हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है।पीएम मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है कि हम नई खोज करें और विज्ञान की मदद से नई चीजों का आविष्कार करें। भारत ने जलवायु परिवर्तन को लेकर कई क्षेत्रों में काम किया है।
मोदी ने जलवायु परिवर्तन की दिशा में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को जिक्र किया और 88 सदस्यों के साथ इसे सबसे तेजी से बढ़ता अंतरराष्ट्रीय संगठन करार दिया। उन्होंने कहा कि अरबों डॉलर जुटाने, हजारों हितधारकों को प्रशिक्षित करने और अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने की योजना के साथ, आईएसए कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में योगदान दे रहा है।
ये गिनाए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारतीय प्रयास
– एलईडी लाइट लोकप्रिय बनाकर प्रतिवर्ष 3.8 करोड़ टन तक कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन घटाया
– देश में वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है, जिससे शेर और चीतों की आबादी भी बढ़ रही है
– उज्जवला योजना के जरिये 8 करोड़ से ज्यादा घरों को धुआं मुक्त रसोई का लाभ दिया है
– उज्जवला योजना दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छ ऊर्जा अभियान है
– सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह खत्म करने पर चल रहा है प्रयास
– मेट्रो नेटवर्क, जलमार्ग जैसे अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर किए जा रहे हैं लगातार तैयार
– 2022 से पहले ही भारत 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का अपना लक्ष्य हासिल कर लेगा
– 2030 तक अक्षय ऊर्जा को 450 गीगावाट कर लेने का बड़ा लक्ष्य तय कर लिया गया है
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