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हुरुन वेल्थ रिपोर्ट: नए मध्य वर्ग में 6.33 लाख भारतीय, करते हैं 20 लाख की बचत

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देश में बढ़ते अरबपतियों के बीच ‘नए मध्य वर्ग’ की पहचान की गई है। हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट-2020 के मुताबिक, इनकी संख्या 6.33 लाख है। इस वर्ग में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिनकी सालाना औसत बचत 20 लाख रुपये है।

जमीन, मकान और गाड़ियों पर करते हैं सबसे ज्यादा खर्च

खास बात है कि ये अपनी संपत्ति का सबसे ज्यादा हिस्सा जमीन, मकान और गाड़ियों पर खर्च करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 4.12 लाख ऐसे लोग भी हैं, जिनकी कुल संपत्ति कम-से-कम 7 करोड़ रुपये है। इनमें डॉलर में कमाई करने वाले करोड़पति भी शामिल हैं।

5.64 करोड़ हैं देश में मध्य वर्ग, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा

1,000 करोड़ की संपत्ति वालों की संख्या 3,000 है। ‘मध्य वर्ग’ में सालाना 2.5 लाख रुपये कमाने वाले परिवारों को रखा गया है, जिनकी संख्या 5.64 करोड़ है। इनकी कुल संपत्ति 7 करोड़ रुपये से कम है। 

दो तरह से कमाई करने वाले सबसे ज्यादा

रिपोर्ट में देश के सभी आय वर्ग को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है। पहला- कम कमाई वाला वर्ग, जिसकी ज्यादातर आय नौकरी, बैंक एफडी, रियल एस्टेट और शेयर बाजार में निवेश पर निर्भर है। दूसरा- ज्यादा कमाने वाला वर्ग, जिसकी आय का मुख्य जरिया रियल एस्टेट में बड़े स्तर पर निवेश, कारोबार और घरेलू एवं विदेशी शेयर बाजार में निवेश है। 

अति धनवानों में चौथे स्थान पर भारत 

हुरुन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल 9.12 लाख करोड़पति हैं। यह संख्या दुनिया के कुल 5.19 करोड़ करोड़पतियों के मुकाबले महज दो फीसदी है। इसके अलावा, अति धनवानों की संख्या के मामले में अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद भारत चौथे स्थान पर है। देश में कुल 4,593 अति धनवान हैं। 

10 राज्यों में 70.3 फीसदी करोड़पति

राज्य                         संख्या

महाराष्ट्र                    56,000

उत्तर प्रदेश               36,000

तमिलनाडु                35,000

कर्नाटक                   33,000

गुजरात                    29,000

पश्चिम बंगाल             24,000

राजस्थान                 21,000

आंध्र प्रदेश               20,000

मध्य प्रदेश               18,000

तेलंगाना                  18,000

शहरों में मुंबई सबसे आगे 

शहरों के लिहाज से मुंबई में सबसे ज्यादा 16,933 करोड़पति हैं, जबकि दिल्ली 16,000 करोड़पतियों के साथ दूसरे स्थान पर है। कोलकाता 10,000 के साथ तीसरे, बंगलूरू 7,582 के साथ चौथे और चेन्नई 4,685 करोड़पतियों के साथ पांचवें स्थान पर है। 

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