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सुप्रीम कोर्ट: बंगलूरू सीरियल ब्लास्ट के आरोपी मदनी को अदालत ने नहीं दी राहत
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 02 Oct 2021 03:28 AM IST
सार
कर्नाटक सरकार की ओर से पेश वकील ने मदनी के आवेदन का विरोध किया। मदनी ने आवेदन दायर कर अपने गृह राज्य केरल में रहने की इजाजत मांगी थी।
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वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने मदनी को जमानत देते हुए यह शर्त रखी थी कि ट्रायल पूरा होने तक उसे बंगलूरू में ही रहना होगा। मदनी ने आवेदन दायर कर अपने गृह राज्य केरल में रहने की इजाजत मांगी थी।
जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मदनी व्हील चेयर पर है और इतने वर्षों में उसकी स्थिति खराब हो गई है। तब अदालत ने चार महीने में ट्रायल पूरा करने के लिए कहा गया था। लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी नहीं हो पाई है।
विस्तार
वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने मदनी को जमानत देते हुए यह शर्त रखी थी कि ट्रायल पूरा होने तक उसे बंगलूरू में ही रहना होगा। मदनी ने आवेदन दायर कर अपने गृह राज्य केरल में रहने की इजाजत मांगी थी।
जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मदनी व्हील चेयर पर है और इतने वर्षों में उसकी स्थिति खराब हो गई है। तब अदालत ने चार महीने में ट्रायल पूरा करने के लिए कहा गया था। लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी नहीं हो पाई है।