Business

सबसे बड़ा विनिर्माण हब : गुजरात ने महाराष्ट्र को पीछे छोड़ा, आरबीआई के आकड़ों के अनुसार निवेश ने दिलाई बढ़त

Posted on

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Fri, 03 Dec 2021 12:52 AM IST

सार

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, निवेश और कारोबारी सुगमता में लगातार सुधार ने महाराष्ट्र को दूसरे पायदान पर धकेल दिया है। 2012 से 2020 तक गुजरात का सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 15.9 फीसदी की औसत दर से बढ़कर 5.11 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

निवेश और कारोबारी सुगमता में लगातार सुधार के दम पर गुजरात देश का सबसे बड़ा विनिर्माण हब बन गया है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इसने महाराष्ट्र को दूसरे पायदान पर धकेल दिया है। 

महाराष्ट्र को पीछे छोड़ गुजरात सबसे बड़ा विनिर्माण हब
आरबीआई के अनुसार, 2012 से 2020 तक गुजरात का सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 15.9 फीसदी की औसत दर से बढ़कर 5.11 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। इसी अवधि में महाराष्ट्र का जीवीए 7.5 फीसदी बढ़कर 4.34 लाख करोड़ रहा। यानी आठ साल की औसत वृद्धि दर गुजरात के मुकाबले आधी रही।

आरबीआई के आंकड़े के अनुसार, भारी निवेश व कारोबारी सुगमता ने दिलाई बढ़त
गुजरात के आगे निकलने में सबसे बड़ी भूमिका निवेश की रही, जो 2012-2020 तक 5.85 लाख करोड़ रहा। इसी अवधि में महाराष्ट्र को 4.07 लाख करोड़ निवेश मिला। इसके अलावा गुजरात में कारोबार लाइसेंस मंजूरी की एकल खिड़की व्यवस्था, आसान श्रम कानून और विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना जैसे सुधारों ने भी बड़ी भूमिका निभाई।

यूपी सेवा क्षेत्र में चौथे पायदान पर
सेवा क्षेत्र की बात करें तो महाराष्ट्र अब भी देश में सबसे आगे है। राज्य का सेवा जीवीए सालाना 12.6 फीसदी की औसत दर से बढ़कर 2020 में 15.1 लाख करोड़ रहा। सेवा क्षेत्र में तमिलनाडु 3.43 लाख करोड़ जीवीए के साथ दूसरे पायदान पर, जबकि कर्नाटक 2.1 लाख करोड़ के साथ तीसरी और यूपी 1.87 लाख करोड़ के साथ चौथे स्थान पर रहा। 2020 में देश का कुल विनिर्माण जीवीए बढ़कर 16.9 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

विस्तार

निवेश और कारोबारी सुगमता में लगातार सुधार के दम पर गुजरात देश का सबसे बड़ा विनिर्माण हब बन गया है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इसने महाराष्ट्र को दूसरे पायदान पर धकेल दिया है। 

महाराष्ट्र को पीछे छोड़ गुजरात सबसे बड़ा विनिर्माण हब

आरबीआई के अनुसार, 2012 से 2020 तक गुजरात का सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 15.9 फीसदी की औसत दर से बढ़कर 5.11 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। इसी अवधि में महाराष्ट्र का जीवीए 7.5 फीसदी बढ़कर 4.34 लाख करोड़ रहा। यानी आठ साल की औसत वृद्धि दर गुजरात के मुकाबले आधी रही।

आरबीआई के आंकड़े के अनुसार, भारी निवेश व कारोबारी सुगमता ने दिलाई बढ़त

गुजरात के आगे निकलने में सबसे बड़ी भूमिका निवेश की रही, जो 2012-2020 तक 5.85 लाख करोड़ रहा। इसी अवधि में महाराष्ट्र को 4.07 लाख करोड़ निवेश मिला। इसके अलावा गुजरात में कारोबार लाइसेंस मंजूरी की एकल खिड़की व्यवस्था, आसान श्रम कानून और विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना जैसे सुधारों ने भी बड़ी भूमिका निभाई।

यूपी सेवा क्षेत्र में चौथे पायदान पर

सेवा क्षेत्र की बात करें तो महाराष्ट्र अब भी देश में सबसे आगे है। राज्य का सेवा जीवीए सालाना 12.6 फीसदी की औसत दर से बढ़कर 2020 में 15.1 लाख करोड़ रहा। सेवा क्षेत्र में तमिलनाडु 3.43 लाख करोड़ जीवीए के साथ दूसरे पायदान पर, जबकि कर्नाटक 2.1 लाख करोड़ के साथ तीसरी और यूपी 1.87 लाख करोड़ के साथ चौथे स्थान पर रहा। 2020 में देश का कुल विनिर्माण जीवीए बढ़कर 16.9 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

Source link

Click to comment

Most Popular