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रिपोर्ट: चीन को खतरनाक प्रतिस्पर्धी मानता है बाइडन प्रशासन, दोनों देशों के बीच तनाव घटने के आसार कम

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एजेंसी, बीजिंग।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 23 Nov 2021 12:43 AM IST

सार

हांगकांग पोस्ट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडन प्रशासन चीन को वैश्विक प्रतिद्वंद्वी के बतौर ज्यादा जोखिम भरा प्रतिस्पर्धी मानता है। पिछले दिनों दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच हुई वर्चुअल शिखर बैठक में भी बाइडन ने चीन द्वारा मानवाधिकारों के हनन और बीजिंग की व्यापार नीति के बारे में बात की।

शी जिनपिंग और जो बाइडन
– फोटो : Amar ujala

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एक नई रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन-शी शिखर बैठक के बावजूद अमेरिका-चीन में तनाव कम होने के आसार बहुत कम हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि बाइडन प्रशासन भी चीन के संबंध में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को ही आगे बढ़ा रहा है। इस कारण दोनों देशों के बीच आमने-सामने की प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और अमेरिका उसे खतरनाक प्रतिस्पर्धी मानता है।

हांगकांग पोस्ट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडन प्रशासन चीन को वैश्विक प्रतिद्वंद्वी के बतौर ज्यादा जोखिम भरा प्रतिस्पर्धी मानता है। पिछले दिनों दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच हुई वर्चुअल शिखर बैठक में भी बाइडन ने चीन द्वारा मानवाधिकारों के हनन और बीजिंग की व्यापार नीति के बारे में बात की।

उन्होंने शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई। वहीं, राष्ट्रपति शी ने अपनी ओर से ताइवान को अमेरिकी समर्थन और दुनिया में बनाने वाले विभिन्न देशों के गठबंधनों और समूहों का मुद्दा उठाया। दरअसल, चीन का यह इशारा क्वाड को लेकर था, जिसमें भारत, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। माना जा रहा है कि अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के साथ ही आगामी महीनों में बाइडन चीन पर और ज्यादा सख्ती बरत सकते हैं। इससे तनाव और अधिक बढ़ सकता है।

दक्षिण सागर में प्रभाव जमाना मकसद नहीं : शी
चीनी राष्ट्रट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि वे और उनका देश दक्षिण एशिया पर किसी तरह प्रभाव जमाना नहीं चाहता है। उन्होंने ये भी कहा कि चीन अपने पड़ोसी छोटे देशों पर भी दक्षिण चीन सागर को लेकर हावी नहीं होना चाहता है। ये बातें शी ने आसियान देशों की एक 30वीं वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान कही। शी ने कहा कि वे अपने सभी पड़ोसी देशों से दोस्ताना संबंध रखने को इच्छुक हैं। उनका देश न तो किसी देश को दबाने का इच्छुक है और न ही चाहता है कि वो इस पूरे क्षेत्र में किसी नायक के तौर पर सामने आए।

विस्तार

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन-शी शिखर बैठक के बावजूद अमेरिका-चीन में तनाव कम होने के आसार बहुत कम हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि बाइडन प्रशासन भी चीन के संबंध में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को ही आगे बढ़ा रहा है। इस कारण दोनों देशों के बीच आमने-सामने की प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और अमेरिका उसे खतरनाक प्रतिस्पर्धी मानता है।

हांगकांग पोस्ट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडन प्रशासन चीन को वैश्विक प्रतिद्वंद्वी के बतौर ज्यादा जोखिम भरा प्रतिस्पर्धी मानता है। पिछले दिनों दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच हुई वर्चुअल शिखर बैठक में भी बाइडन ने चीन द्वारा मानवाधिकारों के हनन और बीजिंग की व्यापार नीति के बारे में बात की।

उन्होंने शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई। वहीं, राष्ट्रपति शी ने अपनी ओर से ताइवान को अमेरिकी समर्थन और दुनिया में बनाने वाले विभिन्न देशों के गठबंधनों और समूहों का मुद्दा उठाया। दरअसल, चीन का यह इशारा क्वाड को लेकर था, जिसमें भारत, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। माना जा रहा है कि अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के साथ ही आगामी महीनों में बाइडन चीन पर और ज्यादा सख्ती बरत सकते हैं। इससे तनाव और अधिक बढ़ सकता है।

दक्षिण सागर में प्रभाव जमाना मकसद नहीं : शी

चीनी राष्ट्रट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि वे और उनका देश दक्षिण एशिया पर किसी तरह प्रभाव जमाना नहीं चाहता है। उन्होंने ये भी कहा कि चीन अपने पड़ोसी छोटे देशों पर भी दक्षिण चीन सागर को लेकर हावी नहीं होना चाहता है। ये बातें शी ने आसियान देशों की एक 30वीं वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान कही। शी ने कहा कि वे अपने सभी पड़ोसी देशों से दोस्ताना संबंध रखने को इच्छुक हैं। उनका देश न तो किसी देश को दबाने का इच्छुक है और न ही चाहता है कि वो इस पूरे क्षेत्र में किसी नायक के तौर पर सामने आए।

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