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मुलाकात: संघर्ष और ट्रेनिंग के दिनों में मदद करने वाले ट्रक ड्राइवरों से मिलीं मीराबाई, किया सम्मानित

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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Rajeev Rai
Updated Fri, 06 Aug 2021 12:29 PM IST

सार

मीराबाई ने टोक्यो से वतन वापसी पर बताया था कि कैसे ट्रेनिंग के दौरान कुछ ट्रक ड्राइवर उन्हें 25 किलोमीटर दूर स्थित ट्रेनिंग कैंप तक ले जाने में मदद करते थे।

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टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पहला मेडल जीतने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू घर लौट चुकी हैं। वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई भले ही अब देश की बड़ी खिलाड़ियों में शुमार हो गई हैं और शोहरत पा रही हैं लेकिन वह अभी भी जमीन से जुड़ी हैं। वह आज भी अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूली हैं और यही कारण है कि मणिपुर के अपने गांव लौटने पर उन्होंने उन ट्रक ड्राइवर्स से मिलने की इच्छा जताई, जिन्होंने ट्रेनिंग के समय उनकी मदद की थी।

26 वर्षीय चानू की यह इच्छा भी पूरी हो गई है और उन्हें वो ड्राइवर मिल गए हैं जिन्होंने इंफाल के ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचाने में उनकी मदद की थी। मीराबाई के परिवार ने गुरुवार को अपने घर पर कुछ ड्राइवर्स को सम्मानित किया और गिफ्ट भी दिए।     

बता दें कि मीराबाई ने टोक्यो से वतन वापसी पर बताया था कि कैसे ट्रेनिंग के दौरान कुछ ट्रक ड्राइवर उन्हें 25 किलोमीटर दूर स्थित ट्रेनिंग कैंप तक ले जाने में मदद करते थे। चानू के मुताबिक, ‘उनके घर से इंफाल स्थित ट्रेनिंग सेंटर 25 किलोमीटर दूर था, ऐसे में कुछ ट्रक ड्राइवर उन्हें वहां तक फ्री में पहुंचाते थे, जिससे उनके घर की आर्थिक तौर पर मदद होती थी। 

विस्तार

टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पहला मेडल जीतने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू घर लौट चुकी हैं। वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई भले ही अब देश की बड़ी खिलाड़ियों में शुमार हो गई हैं और शोहरत पा रही हैं लेकिन वह अभी भी जमीन से जुड़ी हैं। वह आज भी अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूली हैं और यही कारण है कि मणिपुर के अपने गांव लौटने पर उन्होंने उन ट्रक ड्राइवर्स से मिलने की इच्छा जताई, जिन्होंने ट्रेनिंग के समय उनकी मदद की थी।

26 वर्षीय चानू की यह इच्छा भी पूरी हो गई है और उन्हें वो ड्राइवर मिल गए हैं जिन्होंने इंफाल के ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचाने में उनकी मदद की थी। मीराबाई के परिवार ने गुरुवार को अपने घर पर कुछ ड्राइवर्स को सम्मानित किया और गिफ्ट भी दिए।     

बता दें कि मीराबाई ने टोक्यो से वतन वापसी पर बताया था कि कैसे ट्रेनिंग के दौरान कुछ ट्रक ड्राइवर उन्हें 25 किलोमीटर दूर स्थित ट्रेनिंग कैंप तक ले जाने में मदद करते थे। चानू के मुताबिक, ‘उनके घर से इंफाल स्थित ट्रेनिंग सेंटर 25 किलोमीटर दूर था, ऐसे में कुछ ट्रक ड्राइवर उन्हें वहां तक फ्री में पहुंचाते थे, जिससे उनके घर की आर्थिक तौर पर मदद होती थी। 

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