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मास्क ना पहनने वालों की पहचान करने के लिए फ्रांस कर रहा AI का इस्तेमाल
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 07 May 2020 09:03 PM IST
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फ्रांस की सरकार ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए AI आधारित सिक्योरिटी कैमरे का इस्तेमाल कर रही है जो पेरिस मेट्रो में बिना मास्क सफर कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पहले कई जगहों पर किया जा चुका है। हाल ही में इसे ट्रायल के तौर पर पेरिस के सेंट्रल चेटलेट-लेस हॉलेस स्टेशन में तीन महीने तक इस्तेमाल किया गया है। फ्रांस के डाटाकालैब (DatakaLab) ने इस प्रोग्राम को तैयार किया है ताकि बिना मास्क सफर करने वालों पर नजर रखी जा सके।
डाटाकालैब के सीईओ जेवियर फिशर ने इस सॉफ्टवेयर को लेकर कहा है कि उनका मकसद सिर्फ ऐसे लोगों की संख्या का पता लगाना है जो प्रतिदिन मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, हालांकि यह साफ तौर पर कहा है कि इस निगरानी का मकसद किसी की चिन्हित करके उसे दंडित करना नहीं है।
बता दें कि फ्रांस में सार्वजनिक वाहनों में सफर के दौरान मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। यहां तक कि मेट्रो, ट्रेनों, बसों, या टैक्सियों में सफर के दौरान मास्क नहीं पहनने पर 145 डॉलर तक का जुर्माना लगाने पर भी विचार हो रहा है।
बता दें कि सीसीटीवी के जरिए लोगों की मॉनिटरिंग और फेशियल रिकॉग्निशन के कारण प्राइवेसी को लेकर कई देशों में बवाल हो चुका है लेकिन कोरोना महामारी में लोगों और सरकार की प्राथमिकता संक्रमण को रोकना है। ऐसे में प्राइवेसी फिलहाल दूसरी प्राथमिकत के तौर पर देखी जा रही है।
फ्रांस की सरकार ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए AI आधारित सिक्योरिटी कैमरे का इस्तेमाल कर रही है जो पेरिस मेट्रो में बिना मास्क सफर कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पहले कई जगहों पर किया जा चुका है। हाल ही में इसे ट्रायल के तौर पर पेरिस के सेंट्रल चेटलेट-लेस हॉलेस स्टेशन में तीन महीने तक इस्तेमाल किया गया है। फ्रांस के डाटाकालैब (DatakaLab) ने इस प्रोग्राम को तैयार किया है ताकि बिना मास्क सफर करने वालों पर नजर रखी जा सके।
डाटाकालैब के सीईओ जेवियर फिशर ने इस सॉफ्टवेयर को लेकर कहा है कि उनका मकसद सिर्फ ऐसे लोगों की संख्या का पता लगाना है जो प्रतिदिन मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, हालांकि यह साफ तौर पर कहा है कि इस निगरानी का मकसद किसी की चिन्हित करके उसे दंडित करना नहीं है।
बता दें कि फ्रांस में सार्वजनिक वाहनों में सफर के दौरान मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। यहां तक कि मेट्रो, ट्रेनों, बसों, या टैक्सियों में सफर के दौरान मास्क नहीं पहनने पर 145 डॉलर तक का जुर्माना लगाने पर भी विचार हो रहा है।
बता दें कि सीसीटीवी के जरिए लोगों की मॉनिटरिंग और फेशियल रिकॉग्निशन के कारण प्राइवेसी को लेकर कई देशों में बवाल हो चुका है लेकिन कोरोना महामारी में लोगों और सरकार की प्राथमिकता संक्रमण को रोकना है। ऐसे में प्राइवेसी फिलहाल दूसरी प्राथमिकत के तौर पर देखी जा रही है।
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