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भारत ने महिला एथलीटों को स्वीकार करना सीख लिया है: सानिया

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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला
Updated Thu, 07 May 2020 07:47 AM IST

सानिया मिर्जा
– फोटो : सोशल मीडिया

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टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने कहा है महिला एथलीटों के लिए अच्छी बात है कि भारत ने उन्हें स्वीकार करना सीख लिया है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्हें इस बात का फख्र है कि बहुत से खिलाड़ी अब क्रिकेट के बाहर से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में खेल को एक स्वाभाविक करिअर के तौर पर देखने के लिए अभी कुछ पीढ़ियों को समय लगेगा।

ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन और साई द्वारा आयोजित ऑनलाइन टॉक शो में सानिया ने यह बात कही। छह बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया ने कहा कि मुझे इस बात पर गर्व है जो बेहतरीन महिला एथलीट हैं वे क्रिकेट से बाहर की हैं। यदि आप मैगजीन और बिलबोर्ड्स देखें तो आपको महिला एथलीट दिखाई देंगी। ये एक बहुत बड़ा कदम है। मैं जानती हूं कि एक महिला होने के नाते एथलीट बनना कितना मुश्किल है। ये एक सिगनल है कि चीजें बदल रही हैं, लेकिन अभी बहुत लंबा सफर तय करना है। वहां तक पहुंचना है जब हमारी लड़कियां बॉक्सिंग के लिए ग्लव्स पहने। बैडमिंटन रॉकेट हाथ में थामें या ये कहें कि मुझे पहलवान बनना है। ये सब नेचुरल होना चाहिए।

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने कहा है महिला एथलीटों के लिए अच्छी बात है कि भारत ने उन्हें स्वीकार करना सीख लिया है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्हें इस बात का फख्र है कि बहुत से खिलाड़ी अब क्रिकेट के बाहर से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में खेल को एक स्वाभाविक करिअर के तौर पर देखने के लिए अभी कुछ पीढ़ियों को समय लगेगा।

ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन और साई द्वारा आयोजित ऑनलाइन टॉक शो में सानिया ने यह बात कही। छह बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया ने कहा कि मुझे इस बात पर गर्व है जो बेहतरीन महिला एथलीट हैं वे क्रिकेट से बाहर की हैं। यदि आप मैगजीन और बिलबोर्ड्स देखें तो आपको महिला एथलीट दिखाई देंगी। ये एक बहुत बड़ा कदम है। मैं जानती हूं कि एक महिला होने के नाते एथलीट बनना कितना मुश्किल है। ये एक सिगनल है कि चीजें बदल रही हैं, लेकिन अभी बहुत लंबा सफर तय करना है। वहां तक पहुंचना है जब हमारी लड़कियां बॉक्सिंग के लिए ग्लव्स पहने। बैडमिंटन रॉकेट हाथ में थामें या ये कहें कि मुझे पहलवान बनना है। ये सब नेचुरल होना चाहिए।

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