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फटकार: मनिका को निशाना बनाए जाने पर अदालत ने जताई नाराजगी

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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 13 Nov 2021 05:54 AM IST

सार

अदालत ने टीटीएफआई को अंतरराष्ट्रीय महासंघ (आईटीटीएफ) से मनिका को लेकर हुए पत्र व्यवहार को 15 नवंबर को पेश करने का निर्देश दिया है।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की कि टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को शिकायतें उठाने और अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) द्वारा कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि खिलाड़ी को निशाना नहीं बनाया जा सकता है और अगर उसे निशाना बनाया जा रहा है तो यह ‘गंभीर समस्या’ है।

उच्च न्यायालय बत्रा की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयन के लिए राष्ट्रीय शिविर में अनिवार्य उपस्थिति के नियम को रद्द करने की मांग की गई थी। अदालत ने टीटीएफआई को अंतरराष्ट्रीय महासंघ (आईटीटीएफ) से मनिका को लेकर हुए पत्र व्यवहार को 15 नवंबर को पेश करने का निर्देश दिया है।

टीटीएफआई के वकील ने हालांकि मनिका के आरोपों से इनकार किया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। बत्रा ने दावा किया था कि अदालत में शिकायत दर्ज करने के कारण महासंघ उन्हें निशाना बना रहा है।  

जांच रिपोर्ट तैयार 
अदालत ने 23 सितंबर को शिविर संबंधी नियम पर रोक लगा दी थी और केंद्र से जांच को कहा था। केंद्र के वकील ने सूचित किया कि रिपोर्ट तैयार है। न्यायधीश ने उन्हें इसे सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा।

महासंघ की जगह तदर्थ समिति बने 
न्यायधीश ने कहा, गंभीर कदम उठाए जाने चािहएं इस महासंघ को भंग करके एक तदर्थ समिति नियुक्त की जानी चाहिए। 

विस्तार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की कि टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को शिकायतें उठाने और अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) द्वारा कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि खिलाड़ी को निशाना नहीं बनाया जा सकता है और अगर उसे निशाना बनाया जा रहा है तो यह ‘गंभीर समस्या’ है।

उच्च न्यायालय बत्रा की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयन के लिए राष्ट्रीय शिविर में अनिवार्य उपस्थिति के नियम को रद्द करने की मांग की गई थी। अदालत ने टीटीएफआई को अंतरराष्ट्रीय महासंघ (आईटीटीएफ) से मनिका को लेकर हुए पत्र व्यवहार को 15 नवंबर को पेश करने का निर्देश दिया है।

टीटीएफआई के वकील ने हालांकि मनिका के आरोपों से इनकार किया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। बत्रा ने दावा किया था कि अदालत में शिकायत दर्ज करने के कारण महासंघ उन्हें निशाना बना रहा है।  

जांच रिपोर्ट तैयार 

अदालत ने 23 सितंबर को शिविर संबंधी नियम पर रोक लगा दी थी और केंद्र से जांच को कहा था। केंद्र के वकील ने सूचित किया कि रिपोर्ट तैयार है। न्यायधीश ने उन्हें इसे सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा।

महासंघ की जगह तदर्थ समिति बने 

न्यायधीश ने कहा, गंभीर कदम उठाए जाने चािहएं इस महासंघ को भंग करके एक तदर्थ समिति नियुक्त की जानी चाहिए। 

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