न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Updated Fri, 01 May 2020 12:35 PM IST
प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई विशेष ट्रेन
– फोटो : ANI
लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों को लेकर राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुट गई हैं। तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है जो आज रात को झारखंड पहुंच जाएगी।
बता दें कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से रेलवे ने पहली बार तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई। आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, ’24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई।’ उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है। संयोग से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है।
इस विशेष ट्रेन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि देश के कई राज्यों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जाएगा। फिलहाल मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने का फैसला नहीं हुआ है लेकिन रेल मंत्रालय का कहना है कि इसे राज्य सरकार की अपील पर चलाया गया है। जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है।
ये अकेली ऐसी ट्रेन है जिसे चलाया गया है। राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद आगे किसी ट्रेन को चलाने पर फैसला लिया जाएगा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मजदूरों की वापसी के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की थी।
लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों को लेकर राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुट गई हैं। तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है जो आज रात को झारखंड पहुंच जाएगी।
बता दें कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से रेलवे ने पहली बार तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई। आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, ’24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई।’ उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है। संयोग से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है।
इस विशेष ट्रेन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि देश के कई राज्यों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जाएगा। फिलहाल मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने का फैसला नहीं हुआ है लेकिन रेल मंत्रालय का कहना है कि इसे राज्य सरकार की अपील पर चलाया गया है। जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है।
ये अकेली ऐसी ट्रेन है जिसे चलाया गया है। राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद आगे किसी ट्रेन को चलाने पर फैसला लिया जाएगा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मजदूरों की वापसी के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की थी।
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