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पुतिन हुए नरम: रूस ने यूक्रेन में सीजफायर का एलान किया, संकट में फंसे लोगों को निकालने के लिए फैसला

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वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव/मॉस्को
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 05 Mar 2022 12:35 PM IST

सार

सीजफायर को युद्धविराम भी कहा जाता है। ये किसी भी युद्ध को स्थायी या अस्थाई तौर पर रोकने का एक जरिया है। इसके तहत दोनों पक्ष सीमा पर किसी भी तरह की आक्रामक कार्रवाई नहीं करने का वादा करते हैं।

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रूस-यूक्रेन संकट के बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि संकट में फंसे लोगों को निकालने के लिए रूस की ओर से यूक्रेन में सीजफायर का एलान किया गया है। इसके तहत कहा गया है कि जब तक यहां फंसे हुए लोगों को निकाल नहीं लिया जाता है तब तक रूस की तरफ से कोई हमला नहीं किया जाएगा। वहीं इससे पहले रूसी राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया है कि रूसी बसें पूर्वी यूक्रेन के खार्किव और सूमी शहरों में भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए क्रॉसिंग पॉइंट पर तैयार हैं, जो पूर्वी यूरोपीय देश में उग्र संघर्ष के बीच वहां फंसे हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने दिया बयान
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक आपातकालीन सत्र आयोजित किया, जिसे अल्बानिया, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बुलाया गया। यूक्रेन के जापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूस के हमले के बाद, यूरोप में सबसे बड़ी बैठक के दौरान, संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन में फंसे विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेन के राष्ट्रवादी 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को पूर्वी यूक्रेन के खार्किव और सूमी शहरों में बलपूर्वक रख रहे हैं।

रूस ने बताए बंधक बनाए गए नागरिकों की संख्या
रूसी दूत ने कहा कि भारतीय छात्रों समेत कई विदेशी नागरिकों को यूक्रेन बलपूर्वक अपने पास रख रहा है और उनकी संख्या चौंकाने वाली है। खार्किव में भारत के 3,189 नागरिक, वियतनाम के 2,700 नागरिक, चीन के 202 नागरिक फंसे हैं। इसके अलावा सूमी में भारत के 576 नागरिक, घाना के 101 नागरिक, चीन के 121 नागरिक फंसे हैं। 

विस्तार

रूस-यूक्रेन संकट के बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि संकट में फंसे लोगों को निकालने के लिए रूस की ओर से यूक्रेन में सीजफायर का एलान किया गया है। इसके तहत कहा गया है कि जब तक यहां फंसे हुए लोगों को निकाल नहीं लिया जाता है तब तक रूस की तरफ से कोई हमला नहीं किया जाएगा। वहीं इससे पहले रूसी राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया है कि रूसी बसें पूर्वी यूक्रेन के खार्किव और सूमी शहरों में भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए क्रॉसिंग पॉइंट पर तैयार हैं, जो पूर्वी यूरोपीय देश में उग्र संघर्ष के बीच वहां फंसे हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने दिया बयान

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक आपातकालीन सत्र आयोजित किया, जिसे अल्बानिया, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बुलाया गया। यूक्रेन के जापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूस के हमले के बाद, यूरोप में सबसे बड़ी बैठक के दौरान, संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन में फंसे विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेन के राष्ट्रवादी 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को पूर्वी यूक्रेन के खार्किव और सूमी शहरों में बलपूर्वक रख रहे हैं।

रूस ने बताए बंधक बनाए गए नागरिकों की संख्या

रूसी दूत ने कहा कि भारतीय छात्रों समेत कई विदेशी नागरिकों को यूक्रेन बलपूर्वक अपने पास रख रहा है और उनकी संख्या चौंकाने वाली है। खार्किव में भारत के 3,189 नागरिक, वियतनाम के 2,700 नागरिक, चीन के 202 नागरिक फंसे हैं। इसके अलावा सूमी में भारत के 576 नागरिक, घाना के 101 नागरिक, चीन के 121 नागरिक फंसे हैं। 

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