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पाक फिर बेनकाब : 26/11 मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता लखवी समेत सात दहशतगर्द पकड़े, पर नहीं हुई कार्रवाई
एजेंसी, इस्लामाबाद।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 26 Nov 2021 12:44 AM IST
सार
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने इस पूरे वाकये का खुलासा किया है। उसने कहा कि पाकिस्तान में इस तरह के छापे आमतौर पर कम ही पड़ते हैं क्योंकि लश्कर एक ऐसा संगठन है जिसे पाक सेना ‘गुड टेररिस्ट’ कहती रही है।
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इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने इस पूरे वाकये का खुलासा किया है। उसने कहा कि पाकिस्तान में इस तरह के छापे आमतौर पर कम ही पड़ते हैं क्योंकि लश्कर एक ऐसा संगठन है जिसे पाक सेना ‘गुड टेररिस्ट’ कहती रही है। यानी ऐसे आतंकी जो उसके हित में काम करते हैं। इस संगठन के ठिकाने पर पुलिस ने बाकायदा छापा मारा और करीब सात लोगों को पकड़ा, लेकिन 7 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर इन्हें रिहा कर दिया गया।
इनमें एक जकीउर्रहमान लखवी था जिसे 26/11 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। लखवी के अलावा इस छापे में प्रोफेसर मलिक जफर इकबाल, नसरुल्ला, समीउल्लाह, याह्या मुजाहिद, हाफिज अब्दुल रहमान मक्की और उमर बहादुर को पकड़ा गया। लेकिन उन्हें रिहा कर दिया गया। मक्की को छोड़ पांचों आतंकियों को नौ साल कैद सुनाई जा चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव किया दरकिनार
टाइम्स ऑफ इस्राइल में सर्जियो रेस्टेली के ब्लॉग के मुताबिक, पाक में चुनी गई सरकार के पास 2008 के मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं की जड़ें उखाड़ फेंकने का सुनहरा मौका था लेकिन वह नाकाम रही। 26/11 की साजिश में शामिल लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दबाव बनाया था। लेकिन उसे भी अमल में लाने में पाक नाकाम रहा।
विस्तार
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने इस पूरे वाकये का खुलासा किया है। उसने कहा कि पाकिस्तान में इस तरह के छापे आमतौर पर कम ही पड़ते हैं क्योंकि लश्कर एक ऐसा संगठन है जिसे पाक सेना ‘गुड टेररिस्ट’ कहती रही है। यानी ऐसे आतंकी जो उसके हित में काम करते हैं। इस संगठन के ठिकाने पर पुलिस ने बाकायदा छापा मारा और करीब सात लोगों को पकड़ा, लेकिन 7 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर इन्हें रिहा कर दिया गया।
इनमें एक जकीउर्रहमान लखवी था जिसे 26/11 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। लखवी के अलावा इस छापे में प्रोफेसर मलिक जफर इकबाल, नसरुल्ला, समीउल्लाह, याह्या मुजाहिद, हाफिज अब्दुल रहमान मक्की और उमर बहादुर को पकड़ा गया। लेकिन उन्हें रिहा कर दिया गया। मक्की को छोड़ पांचों आतंकियों को नौ साल कैद सुनाई जा चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव किया दरकिनार
टाइम्स ऑफ इस्राइल में सर्जियो रेस्टेली के ब्लॉग के मुताबिक, पाक में चुनी गई सरकार के पास 2008 के मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं की जड़ें उखाड़ फेंकने का सुनहरा मौका था लेकिन वह नाकाम रही। 26/11 की साजिश में शामिल लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दबाव बनाया था। लेकिन उसे भी अमल में लाने में पाक नाकाम रहा।