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पाकिस्तान में दारुल उलूम हक्कानिया को कहा जाता है ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’

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पाकिस्तान में कई शैक्षणिक संस्थान उग्रवाद और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं, जो आतंकवाद का कारण बनते हैं। खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर से लगभग 60 किलोमीटर दूर अकोरा खट्टक में दारुल उलूम हक्कानिया नाम का एक मदरसा है, जिसे पाकिस्तान में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ कहा जाता है।

इस मदरसे से जुड़े थे पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के हत्यारे
दारुल उलूम हक्कानिया को सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है। इस मदरसे का मुख्यधारा की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों और धार्मिक गुटों के साथ काफी अच्छे संबंध हैं। कुछ चरमपंथी और आत्मघाती हमलावर भी इस मदरसे से जुड़े रहे हैं, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या को अंजाम दिया था। मदरसे में 4 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिसमें कई अफगान शरणार्थी भी हैं। यहां पढ़ने वालों को मुफ्त में रहना और खाना उपलब्ध कराया जाता है।

इस मदरसे के नेताओं ने तालिबान आतंकियों का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिस पर अफगानिस्तान सरकार ने कड़ा एतराज जताया था। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने कहा था कि ये संस्थाएं कट्टरपंथी जिहाद को जन्म देती हैं, आतंकी पैदा करती हैं। हालांकि, मदरसा अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करता रहा है।

पाकिस्तान में कई शैक्षणिक संस्थान उग्रवाद और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं, जो आतंकवाद का कारण बनते हैं। खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर से लगभग 60 किलोमीटर दूर अकोरा खट्टक में दारुल उलूम हक्कानिया नाम का एक मदरसा है, जिसे पाकिस्तान में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ कहा जाता है।

इस मदरसे से जुड़े थे पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के हत्यारे

दारुल उलूम हक्कानिया को सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है। इस मदरसे का मुख्यधारा की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों और धार्मिक गुटों के साथ काफी अच्छे संबंध हैं। कुछ चरमपंथी और आत्मघाती हमलावर भी इस मदरसे से जुड़े रहे हैं, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या को अंजाम दिया था। मदरसे में 4 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिसमें कई अफगान शरणार्थी भी हैं। यहां पढ़ने वालों को मुफ्त में रहना और खाना उपलब्ध कराया जाता है।

इस मदरसे के नेताओं ने तालिबान आतंकियों का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिस पर अफगानिस्तान सरकार ने कड़ा एतराज जताया था। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने कहा था कि ये संस्थाएं कट्टरपंथी जिहाद को जन्म देती हैं, आतंकी पैदा करती हैं। हालांकि, मदरसा अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करता रहा है।

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