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पश्चिम बंगाल उपचुनाव: त्योहारों को लेकर चुनाव आयोग को उपचुनाव प्रचार 10 दिन के लिए स्थगित कर देना चाहिए, ममता बनर्जी ने जताई इच्छा

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि वह चाहेंगी कि चुनाव आयोग 10 अक्तूबर से 10 दिनों तक उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान को स्थगित कर दे क्योंकि इस अवधि के दौरान लोग साल का सबसे बड़ा त्योहार मनाने में व्यस्त रहेंगे। पश्चिम बंगाल के चार विधानसभा क्षेत्रों- खारदाहा, शांतिपुर, दिनहटा और गोसाबा में 30 अक्तूबर को उपचुनाव है। 

प्रियंका टिबरेवाल ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश को लिखा पत्र
वहीं, भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव के संपन्न होने के बाद भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा है। पत्र में भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव परिणाम के बाद होने वाली किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए निवारक उपाय करने का अनुरोध किया गया है।

ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरी इच्छा है कि चुनाव आयोग सभी उपचुनाव प्रचार अभियान दुर्गा पूजा और लक्ष्मी पूजा के दौरान स्थगित कर दे। लोग अभी त्योहारों के बारे में सोच रहे हैं। उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए। चुनाव प्रचार 21 अक्तूबर से एक सप्ताह के लिए शुरू किया जा सकता है।’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने प्रत्येक पूजा समिति को 50,000 रुपये का अनुदान देने के सरकार के फैसले पर आपत्ति नहीं जताई है और जल्द ही यह राशि वितरित की जाएगी।

हालांकि, चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, राज्य ने उन जिलों में ‘लक्ष्मीर भंडार योजना’ का क्रियान्वयन बंद रखने का फैसला किया है, जहां 30 अक्तबूर को उपचुनाव होने हैं। उन्होंने कहा, ‘माताओं को नवंबर से फिर से ‘लक्ष्मीर भंडार’ के लाभ मिलेंगे। उन्हें दो महीने की आर्थिक सहायता एक साथ अगले महीने मिलेगी।’

ममता ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का किया अनुरोध
उन्होंने लोगों से उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने का अनुरोध किया। दरअसल, अदालत ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

उपचुनाव के बाद होंगे नगर निकायों के चुनाव
ममता बनर्जी ने कहा कि ‘कृपया कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें। आप पंडालों में प्रवेश किए बिना भी आनंद ले सकते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘दो साल से अधिक समय से लंबित 100 से अधिक नगर निकायों के चुनाव 30 अक्तूबर के उपचुनाव के बाद कराए जाएंगे।

गौरतलब है कि नगर निगमों और नगर पालिकाओं के लिए चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए जाते हैं। कोलकाता नगर निगम सहित नगर निकायों के चुनाव में देरी के लिए भाजपा और माकपा तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करती रही हैं। कम से कम 107 नगर निकाय वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासकों द्वारा चलाए जा रहे हैं।

टीएमसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण निकाय चुनाव समय पर नहीं कराए जा सके। भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि राज्य सरकार नगरपालिका चुनावों में और देरी न करे। टीएमसी प्रशासकों की नियुक्ति करके नगर निकायों को अनिश्चित काल के लिए अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही है। उन्हें लोगों का जनादेश प्राप्त करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’

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