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नेपाल : पर्बत जिले में आए भूस्खलन से छह लोगों की मौत और दो हुए लापता
एजेंसी, काठमांडो
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 04 Sep 2021 02:43 AM IST
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नेपाल में हर साल मानसून के मौसम में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं से बढ़ी संख्या में लोगों की मौत होती है। हिमालयी राष्ट्र में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। जिससे देश के कई हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। इसकी वजह से नेपाल के कई जिले बाढ़ से जूझ रहे हैं।
बता दें कि नेपाल में नवलपरासी जिले के बर्दधाट से नारायण घाट के बीच लगा जाम बुधवार को भी नहीं खुल सका। छठवें दिन भी पोखरा मार्ग पर भूस्खलन जारी है। जिसके कारण करीब एक हजार मालवाहक भारतीय और नेपाली ट्रक जाम में फंसे हैं।
ऐसे में सीमा पर पहुंचे भारतीय ट्रक चालकों ने सामान नेपाल भंसार और सोनौली के गोदाम में अनलोड करना शुरू कर दिया है। बुधवार छठवें दिन भी बुटवल काठमांडू मार्ग का नहीं खुल सका। परासी जिले के भूमहि के पास सड़क के ऊपर दो फुट पानी बह रहा है। पहाड़ों पर भूस्खलन से आवागमन शुरू करने में देरी हो रही है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मौसम साफ होने के बाद ही आवागमन संचालन हो सकता है।
बीते सात दिनों से लगातार भारी बारिश के कारण नेपाल के नदियों का जलस्तर बढ़ गया था। साथ ही काठमांडू और पोखरा के मुख्य मार्ग पर भूस्खलन और सड़क डायवर्जन के लिए बनी अस्थाई सड़क बाढ़ के पानी में बह गई। करीब एक हजार भारतीय मालवाहक ट्रक नारायण घाट मुगलिंग बर्दधाट के बीच फंसे हुए हैं।
विस्तार
नेपाल में हर साल मानसून के मौसम में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं से बढ़ी संख्या में लोगों की मौत होती है। हिमालयी राष्ट्र में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। जिससे देश के कई हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। इसकी वजह से नेपाल के कई जिले बाढ़ से जूझ रहे हैं।
बता दें कि नेपाल में नवलपरासी जिले के बर्दधाट से नारायण घाट के बीच लगा जाम बुधवार को भी नहीं खुल सका। छठवें दिन भी पोखरा मार्ग पर भूस्खलन जारी है। जिसके कारण करीब एक हजार मालवाहक भारतीय और नेपाली ट्रक जाम में फंसे हैं।
ऐसे में सीमा पर पहुंचे भारतीय ट्रक चालकों ने सामान नेपाल भंसार और सोनौली के गोदाम में अनलोड करना शुरू कर दिया है। बुधवार छठवें दिन भी बुटवल काठमांडू मार्ग का नहीं खुल सका। परासी जिले के भूमहि के पास सड़क के ऊपर दो फुट पानी बह रहा है। पहाड़ों पर भूस्खलन से आवागमन शुरू करने में देरी हो रही है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मौसम साफ होने के बाद ही आवागमन संचालन हो सकता है।
बीते सात दिनों से लगातार भारी बारिश के कारण नेपाल के नदियों का जलस्तर बढ़ गया था। साथ ही काठमांडू और पोखरा के मुख्य मार्ग पर भूस्खलन और सड़क डायवर्जन के लिए बनी अस्थाई सड़क बाढ़ के पानी में बह गई। करीब एक हजार भारतीय मालवाहक ट्रक नारायण घाट मुगलिंग बर्दधाट के बीच फंसे हुए हैं।