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नियुक्ति: उत्तराखंड के राज्यपाल बनाए गए गुरमीत सिंह, बनवारीलाल पुरोहित को पंजाब की जिम्मेदारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 10 Sep 2021 12:10 AM IST
सार
बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को उत्तराखंड के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही कयासों का भी दौर शुरू हो गया था।
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इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को दिया था इस्तीफा
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई थी कि उत्तराखंड का अगला राज्यपाल कौन होगा।
बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त 2018 को उत्तराखंड की राज्यपाल का पद ग्रहण किया था। बीते 26 अगस्त को ही उन्होंने तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बताया गया कि भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव में उनका उपयोग कर सकती है।
गौरतलब है कि मौर्य का यूपी के आगरा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रहा है। वह आगरा की महापौर रह चुकी हैं। 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। ऐसे में कयास हैं कि उन्हें विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
विस्तार
इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
Lt. Gen. Gurmit Singh (Retd) appointed as Governor of Uttarakhand. Jagdish Mukhi, Governor of Assam has been given additional charge as Governor of Nagaland: Rashtrapati Bhawan
— ANI (@ANI) September 9, 2021
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को दिया था इस्तीफा
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई थी कि उत्तराखंड का अगला राज्यपाल कौन होगा।
बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त 2018 को उत्तराखंड की राज्यपाल का पद ग्रहण किया था। बीते 26 अगस्त को ही उन्होंने तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बताया गया कि भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव में उनका उपयोग कर सकती है।
गौरतलब है कि मौर्य का यूपी के आगरा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रहा है। वह आगरा की महापौर रह चुकी हैं। 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। ऐसे में कयास हैं कि उन्हें विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।