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नाराजगी: तबेलेनुमा लॉ कालेजों से मद्रास हाईकोर्ट खफा, कहा-इससे ही बिगड़ी साख

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एजेंसी, चेन्नई।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 17 Sep 2021 06:23 AM IST

सार

पीठ ने कहा, जज दूसरे ग्रह से नहीं आते हैं, बल्कि वकीलों के बीच से जज बनते हैं। हम पहले वकील बनते हैं, फिर जज। इस टिप्पणी के साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। 

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मद्रास हाईकोर्ट ने देशभर में ‘तबेलों’ की तरह जगह-जगह खुले लॉ कॉलेजों पर गहरी नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी व न्यायमूर्ति पीडी औदिकेसावलु की पीठ ने कहा, इस प्रवृत्ति से अधिवक्ताओं की छवि धूमिल हुई है। यह बड़ा मसला है, जिससे वकीलों की साख को बचाना होगा।

अदालत ने राज्य बार काउंसिल व केंद्र सरकार से मामले में स्थिति रिपोर्ट तलब की है। याचिकाकर्ता ने असल में राज्य बार काउंसिल से अपने वकील पर कार्रवाई की मांग थी, क्योंकि वह विरोधी पक्ष से मिल गया था।

लेकिन काउंसिल ने शिकायत खारिज कर दी, जिस पर उसने जनहित याचिका दायर की। उसने अन्य वकीलों की तरफ से किसी वकील को समिति में बतौर जज चुनने की परंपरा पर आपत्ति जताई है।

विस्तार

मद्रास हाईकोर्ट ने देशभर में ‘तबेलों’ की तरह जगह-जगह खुले लॉ कॉलेजों पर गहरी नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी व न्यायमूर्ति पीडी औदिकेसावलु की पीठ ने कहा, इस प्रवृत्ति से अधिवक्ताओं की छवि धूमिल हुई है। यह बड़ा मसला है, जिससे वकीलों की साख को बचाना होगा।

अदालत ने राज्य बार काउंसिल व केंद्र सरकार से मामले में स्थिति रिपोर्ट तलब की है। याचिकाकर्ता ने असल में राज्य बार काउंसिल से अपने वकील पर कार्रवाई की मांग थी, क्योंकि वह विरोधी पक्ष से मिल गया था।

लेकिन काउंसिल ने शिकायत खारिज कर दी, जिस पर उसने जनहित याचिका दायर की। उसने अन्य वकीलों की तरफ से किसी वकील को समिति में बतौर जज चुनने की परंपरा पर आपत्ति जताई है।

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