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नई तकनीक: सोशल मीडिया की दुनिया में मेटावर्स ला रहा बदलाव

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फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बीते दिनों एलान किया था कि उनकी कंपनी एक सोशल मीडिया मंच से आगे बढ़कर ‘मेटावर्स’ कंपनी बनेगी, जहां वास्तविक और वर्चुअल दुनिया का मिलन पहले से कहीं ज्यादा हो जाएगा। 

तब से दुनियाभर में इस शब्द के बारे में जानने को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। वैसे, इस शब्द का पहली दफा इस्तेमाल नहीं हुआ है। लेकिन, हाल में इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है। लोग इसकी हकीकत बनने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। तकनीकी जानकार मानते हैं कि अब वक्त आ गया है, जब इस बारे में जानना शुरू कर देना चाहिए।

क्वींसलैंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, ब्रिसबेन के वरिष्ठ प्राध्यापक निक केली के मुताबिक, इंसान ने अपनी इंद्रियों को सक्रिय करने के लिए ऑडियो स्पीकर से लेकर टेलीविजन, वीडियो गेम और आभासी दुनिया तक कई तकनीकें विकसित की हैं। भविष्य में हम छूने या गंध जैसी अन्य इंद्रियों के लिए उपकरण भी विकसित कर सकते हैं। 

ऐसा करने वाली तकनीक के लिए कई शब्द दिए जा रहे हैं पर एक ऐसा लोकप्रिय शब्द अभी नहीं है जो भौतिक दुनिया और वर्चुअल दुनिया के मेल को बखूबी बयां कर सके। इंटरनेट और साइबर स्पेस जैसे शब्द ऐसे स्थानों के लिए हैं, जिन तक हम स्क्रीन के जरिए पहुंचते हैं। लेकिन ये वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी आदि के मेल मिलाप की व्याख्या नहीं कर पाते।

मेटावर्स से किसे मिलेगा लाभ 
अगर कोई व्यक्ति एपल, फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियों के बारे में काफी ज्यादा अध्ययन करे, तो उसे महसूस होगा कि तकनीकी तरक्की अपरिहार्य हैं और मेटावर्स इसी श्रेणी में आती है। इनके जरिए समाज पर होने वाले प्रभाव के बारे में सोचे बिना भी नहीं रहा जा सकता।

पैदा होंगे नए अवसर 
फेसबुक व अन्य बड़ी कंपनियों के लिए मेटावर्स की परिकल्पना उत्साहजनक है क्योंकि इससे नए बाजार, नई तरह के सोशल नेटवकों, नए इलेक्ट्रॉनिक्स और पेटेंट के लिए अवसर पैदा होंगे। इसके लिए हमें उत्साहित होने की जरूरत है।

उत्पादक बनाने में मददगार 
मौजूदा भौतिक संसार में जब हम महामारी, जलवायु आपदा या विभिन्न प्रजातियों के विलुप्तीकरण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। तब हम यह भी समझना चाहते हैं कि नई तकनीकों (मोबाइल उपकरण, सोशल मीडिया और वैश्विक कनेक्टिविटी से घबराहट और तनाव जैसे प्रभाव) के साथ हम अच्छा जीवन कैसे बिता सकते हैं।
– तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक, मेटावर्स जैसे विचार हमारे समाज को ज्यादा सकारात्मक और उत्पादक बना सकते हैं ।

समाज के लिए अनेकों समाधान का रास्ता 
साझा मानक और प्रोटोकॉल, जो भिन्न वर्चुअल दुनिया व ऑगमेंटेड वास्तविकता को एकल, खुले मेटावर्स में लाते हैं और प्रयासों के दोहराव में कटौती करने में मदद कर सकते हैं। इसका एक हिस्सा समाज की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए स्मार्टफोन, 5 जी नेटवर्क, आभासी मुद्रा और सोशल नेटवर्क का मेल करने का तरीका खोज रहा है। 

इंटरनेट की तरह ही असीम संभावनाओं को देगा जन्म 
फेसबुक का मेटावर्स स्वरूप लोगों और समुदायों के आपसी जुड़ाव की क्षमता बढ़ा सकता है। मेटावर्स का विचार भौतिक दुनिया की बाधाओं से पार पाने की असीम संभावनाओं को जन्म भी देता है।

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