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दुष्प्रभाव : दुनियाभर में आम कीटनाशक क्लोरपाइरीफोस बढ़ा रहा है मोटापा

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एजेंसी, हैमिल्टन
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sun, 29 Aug 2021 06:53 AM IST

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कीटनाशकों के दुष्प्रभाव को लेकर चिंता के बीच एक और बुरी खबर आई है। मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों के नेतृत्व में अध्ययन में सामने आया है कि आम कीटनाशक क्लोरपाइरीफोस मोटापे के संकट की बड़ी वजह हो सकती है। नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि कनाडा में प्रतिबंधित क्लोरपाइरीफोस का दुनियाभर में सब्जियों और फलों पर छिड़काव किया जाता है।

शोध में पता चला कि यह चूहों के भूरे वसा ऊतकों में कैलोरी खर्च होने की प्रक्रिया धीमा कर देता है। कम कैलोरी के खर्च होने से थर्मोजेनेसिस प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे शरीर अतिरिक्त कैलोरी जमा करने लगता है और यह मोटापे का कारण बनता है। खोज भूरी वसा कोशिकाओं पर इस्तेमाल होने वाले 34 कीटनाशकों के अध्ययन के आधार पर की गई है। 

जीवनशैली में बदलावों से भी समस्या
भूरी वसा ठंडे मौसम में व भोजन के दौरान सक्रिय रहती है। जीवनशैली में बदलावों से अक्सर स्थायी तौर पर वजन कम नहीं होता है। समस्या के पीछे क्लोरपाइरीफोस है, जो हमारी चयापचय भट्टी को सुस्त कर देता है।

इसलिए अहम है भूरी वसा
भूरी वसा हमारे शरीर में चयापचय भट्टी की तरह काम करती है, जो सामान्य वसा के विपरीत कैलोरी को जलाती है। इससे जो गर्मी उत्पन्न होती है वह कैलोरी को हमारे शरीर में सामान्य सफेद वसा के रूप में जमा होने से रोकती है।

कम कैलोरी का इस्तेमाल होना ज्यादातर अध्ययनों ने वजन बढ़ने के लिए ज्यादा भोजन को जिम्मेदार माना जाता रहा है। जबकि, असल समस्या कम कैलोरी का इस्तेमाल होना है। हालांकि, इस अध्ययन का इंसानों पर परीक्षण नहीं हुआ है, लेकिन यह कहना सुरक्षित ही होगा कि ज्यादा से ज्यादा भोजन ऐसे करें जो कीटनाशक मुक्त हो।

विस्तार

कीटनाशकों के दुष्प्रभाव को लेकर चिंता के बीच एक और बुरी खबर आई है। मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों के नेतृत्व में अध्ययन में सामने आया है कि आम कीटनाशक क्लोरपाइरीफोस मोटापे के संकट की बड़ी वजह हो सकती है। नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि कनाडा में प्रतिबंधित क्लोरपाइरीफोस का दुनियाभर में सब्जियों और फलों पर छिड़काव किया जाता है।

शोध में पता चला कि यह चूहों के भूरे वसा ऊतकों में कैलोरी खर्च होने की प्रक्रिया धीमा कर देता है। कम कैलोरी के खर्च होने से थर्मोजेनेसिस प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे शरीर अतिरिक्त कैलोरी जमा करने लगता है और यह मोटापे का कारण बनता है। खोज भूरी वसा कोशिकाओं पर इस्तेमाल होने वाले 34 कीटनाशकों के अध्ययन के आधार पर की गई है। 

जीवनशैली में बदलावों से भी समस्या

भूरी वसा ठंडे मौसम में व भोजन के दौरान सक्रिय रहती है। जीवनशैली में बदलावों से अक्सर स्थायी तौर पर वजन कम नहीं होता है। समस्या के पीछे क्लोरपाइरीफोस है, जो हमारी चयापचय भट्टी को सुस्त कर देता है।

इसलिए अहम है भूरी वसा

भूरी वसा हमारे शरीर में चयापचय भट्टी की तरह काम करती है, जो सामान्य वसा के विपरीत कैलोरी को जलाती है। इससे जो गर्मी उत्पन्न होती है वह कैलोरी को हमारे शरीर में सामान्य सफेद वसा के रूप में जमा होने से रोकती है।

कम कैलोरी का इस्तेमाल होना ज्यादातर अध्ययनों ने वजन बढ़ने के लिए ज्यादा भोजन को जिम्मेदार माना जाता रहा है। जबकि, असल समस्या कम कैलोरी का इस्तेमाल होना है। हालांकि, इस अध्ययन का इंसानों पर परीक्षण नहीं हुआ है, लेकिन यह कहना सुरक्षित ही होगा कि ज्यादा से ज्यादा भोजन ऐसे करें जो कीटनाशक मुक्त हो।

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