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छत्तीसगढ़: सीएम बघेल ने सोनिया गांधी को सौंपा ढाई साल का लेखा-जोखा, साझा की अगले दो सालों की योजना

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सार

बघेल ने बताया कि कोरोना के कारण लंबे समय से उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष से नहीं हुई थी। सोनिया गांधी से मिलने के लिए उन्होंने समय मांगा था। इस दौरान उनसे मिलकर प्रदेश के राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। यूपी चुनाव के वरिष्ठ पर्यवेक्षक होने के नाते बघेल की प्रियंका गांधी से भी मुलाकात हुई है…

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री व यूपी कांग्रेस के पर्यवेक्षक भूपेश बघेल
– फोटो : अमर उजाला

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पंजाब, राजस्थान के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस के हालात का जायजा लिया है। शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 40 मिनट तक मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं और आगामी दो साल की भावी कार्य योजनाओं की जानकारी भी दी। सीएम ने सोनिया गांधी को प्रदेश के राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की और एक रिपोर्ट उन्हें सौंपी है।

बघेल ने बताया कि कोरोना के कारण लंबे समय से उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष से नहीं हुई थी। सोनिया गांधी से मिलने के लिए उन्होंने समय मांगा था। इस दौरान उनसे मिलकर प्रदेश के राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। यूपी चुनाव के वरिष्ठ पर्यवेक्षक होने के नाते बघेल की प्रियंका गांधी से भी मुलाकात हुई है।

छत्तीसगढ़ भवन बना बघेल का हेडक्वार्टर

इन दिनों उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए छत्तीसगढ़ भवन कांग्रेस का मुख्यालय बन गया है। जब भी भूपेश बघेल दिल्ली दौरे पर होते हैं, तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा छत्तीसगढ़ भवन में लगा रहता है। जैसे ही बघेल दिल्ली पहुंचते हैं तो टिकट चाहने वाले बड़ी संख्या में उनसे मिलने भवन पहुंच जाते हैं। यही नहीं बघेल भी टिकट की चाह रखने वाले लोगों को मायूस नहीं कर रहे हैं। वे भी पार्टी के लिए मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को और मेहनत करने की हिदायत देकर पीठ ठोंक देते हैं।

‘कंगना को मांगनी चाहिए माफी’

बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत का बयान सीधे तौर पर उन महापुरुषों का अपमान है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी, जेल गए और अंग्रेजों की लाठियां खाईं। कंगना का बयान बेहद शर्मनाक है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

सीएम ने कहा कि प्रदेश में 60 फीसदी धान ‘उसना’ गुणवत्ता का है। अब तक केंद्र सरकार उसना को बढ़ावा देती रही है। लेकिन अचानक उसना नहीं लेने का फैसला कर दिया है। ऐसे में चावल मिलों के साथ प्रदेश को भी काफी नुकसान होगा। यदि केंद्र सरकार हमें पहले बता देती है कि हम उसना चावल नहीं लेंगे, तो हम यहां के किसानों से कह देते कि उसना क्वॉलिटी का चावल न लगाएं, बल्कि अरवा चावल ही उगाएं। उन्होंने आगे कहा कि, मंत्री सुन नहीं रहे हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे कि वे उसना चावल लेने की सहमति दें।

विस्तार

पंजाब, राजस्थान के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस के हालात का जायजा लिया है। शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 40 मिनट तक मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं और आगामी दो साल की भावी कार्य योजनाओं की जानकारी भी दी। सीएम ने सोनिया गांधी को प्रदेश के राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की और एक रिपोर्ट उन्हें सौंपी है।

बघेल ने बताया कि कोरोना के कारण लंबे समय से उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष से नहीं हुई थी। सोनिया गांधी से मिलने के लिए उन्होंने समय मांगा था। इस दौरान उनसे मिलकर प्रदेश के राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। यूपी चुनाव के वरिष्ठ पर्यवेक्षक होने के नाते बघेल की प्रियंका गांधी से भी मुलाकात हुई है।

छत्तीसगढ़ भवन बना बघेल का हेडक्वार्टर

इन दिनों उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए छत्तीसगढ़ भवन कांग्रेस का मुख्यालय बन गया है। जब भी भूपेश बघेल दिल्ली दौरे पर होते हैं, तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा छत्तीसगढ़ भवन में लगा रहता है। जैसे ही बघेल दिल्ली पहुंचते हैं तो टिकट चाहने वाले बड़ी संख्या में उनसे मिलने भवन पहुंच जाते हैं। यही नहीं बघेल भी टिकट की चाह रखने वाले लोगों को मायूस नहीं कर रहे हैं। वे भी पार्टी के लिए मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को और मेहनत करने की हिदायत देकर पीठ ठोंक देते हैं।

‘कंगना को मांगनी चाहिए माफी’

बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत का बयान सीधे तौर पर उन महापुरुषों का अपमान है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी, जेल गए और अंग्रेजों की लाठियां खाईं। कंगना का बयान बेहद शर्मनाक है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

सीएम ने कहा कि प्रदेश में 60 फीसदी धान ‘उसना’ गुणवत्ता का है। अब तक केंद्र सरकार उसना को बढ़ावा देती रही है। लेकिन अचानक उसना नहीं लेने का फैसला कर दिया है। ऐसे में चावल मिलों के साथ प्रदेश को भी काफी नुकसान होगा। यदि केंद्र सरकार हमें पहले बता देती है कि हम उसना चावल नहीं लेंगे, तो हम यहां के किसानों से कह देते कि उसना क्वॉलिटी का चावल न लगाएं, बल्कि अरवा चावल ही उगाएं। उन्होंने आगे कहा कि, मंत्री सुन नहीं रहे हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे कि वे उसना चावल लेने की सहमति दें।

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