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चिंताजनक: वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को हुआ कोरोना, पहली खुराक वाले आए ज्यादा चपेट में
कोरोना वैक्सीन लगातीं स्वास्थ्यकर्मी
– फोटो : अमर उजाला
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गौर करने वाली बात है कि इनमें से ज्यादातर मामले पहली खुराक के बाद सामने आए हैं। वहीं, अगर कुल टीकाकरण से तुलना करें तो 0.048 फीसदी लोग ही वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण की चपेट में आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार तक देश में 2,58,560 ब्रेक थ्रो इंफेक्शन यानी वैक्सीन की पहली या दूसरी खुराक लेने के 14 दिन में हुए संक्रमित मरीजों की संख्या सामने आई है।
इनमें से 1,71,511 लोगों को पहली खुराक मिलने के बाद कोरोना हुआ। जबकि दूसरी खुराक लेकर टीकाकरण खत्म करने के बाद 87,049 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। यह वैरिएंट वैक्सीन लगने के बाद बनने वालीं एंटीबॉडी को कम करता है। इसीलिए सलाह दी जा रही है कि टीकाकरण कराने के बाद भी लोग मास्क लगाकर रखें और भीड़ से उचित दूरी बनाएं।
जीनोम सीक्वेंसिंग की निगरानी रखने वाले इन्साकॉग ने एक बार फिर से अलर्ट जारी किया है। इन्साकॉग के अनुसार 6.7 करोड़ आबादी वाले यूके में अब तक कोरोना के 18 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और यहां वैक्सीन लेने के बाद 1.20 लाख लोग संक्रमित हुए हैं।
इनमें डेल्टा वैरिएंट की मौजूदगी पता चली है। यह ब्रेक थ्रो इंफेक्शन भारत में भी देखने को मिल रहा है। यहां डेल्टा वैरिएंट की वजह से मामले बढ़ रहे हैं। देशभर में इसकी वजह से महामारी में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।
कोविशील्ड की पहली खुराक पर्याप्त नहीं
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने टीकाकरण को लेकर एक अध्ययन किया है जिसे साइंस डायरेक्ट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया है। अस्पताल में 4296 कर्मचारी हैं। इस साल 16 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच 2716 कर्मचारियों ने दोनों खुराक ली थीं। जबकि 623 कर्मचारियों ने कोविशील्ड की एक खुराक ली थी।
- 927 कर्मचारियों ने एक भी खुराक नहीं ली। इस दौरान पता चला कि कोविशील्ड की दोनों खुराक का एक महीने के अंदर 28 फीसदी असर लक्षण ग्रस्त संक्रमण पर मिला है। जबकि 67 फीसदी मोडरेट और 76 फीसदी असर ऑक्सीजन की जरूरत को कम किया है। 97: में वैक्सीन के बाद संक्रमण होने पर मौत की आशंका कम हुई है। जिन लोगों ने एक खुराक ली थी उनमें कोई बदलाव नहीं मिला है।
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गौर करने वाली बात है कि इनमें से ज्यादातर मामले पहली खुराक के बाद सामने आए हैं। वहीं, अगर कुल टीकाकरण से तुलना करें तो 0.048 फीसदी लोग ही वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण की चपेट में आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार तक देश में 2,58,560 ब्रेक थ्रो इंफेक्शन यानी वैक्सीन की पहली या दूसरी खुराक लेने के 14 दिन में हुए संक्रमित मरीजों की संख्या सामने आई है।
इनमें से 1,71,511 लोगों को पहली खुराक मिलने के बाद कोरोना हुआ। जबकि दूसरी खुराक लेकर टीकाकरण खत्म करने के बाद 87,049 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। यह वैरिएंट वैक्सीन लगने के बाद बनने वालीं एंटीबॉडी को कम करता है। इसीलिए सलाह दी जा रही है कि टीकाकरण कराने के बाद भी लोग मास्क लगाकर रखें और भीड़ से उचित दूरी बनाएं।
जीनोम सीक्वेंसिंग की निगरानी रखने वाले इन्साकॉग ने एक बार फिर से अलर्ट जारी किया है। इन्साकॉग के अनुसार 6.7 करोड़ आबादी वाले यूके में अब तक कोरोना के 18 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और यहां वैक्सीन लेने के बाद 1.20 लाख लोग संक्रमित हुए हैं।
इनमें डेल्टा वैरिएंट की मौजूदगी पता चली है। यह ब्रेक थ्रो इंफेक्शन भारत में भी देखने को मिल रहा है। यहां डेल्टा वैरिएंट की वजह से मामले बढ़ रहे हैं। देशभर में इसकी वजह से महामारी में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।
कोविशील्ड की पहली खुराक पर्याप्त नहीं
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने टीकाकरण को लेकर एक अध्ययन किया है जिसे साइंस डायरेक्ट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया है। अस्पताल में 4296 कर्मचारी हैं। इस साल 16 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच 2716 कर्मचारियों ने दोनों खुराक ली थीं। जबकि 623 कर्मचारियों ने कोविशील्ड की एक खुराक ली थी।
- 927 कर्मचारियों ने एक भी खुराक नहीं ली। इस दौरान पता चला कि कोविशील्ड की दोनों खुराक का एक महीने के अंदर 28 फीसदी असर लक्षण ग्रस्त संक्रमण पर मिला है। जबकि 67 फीसदी मोडरेट और 76 फीसदी असर ऑक्सीजन की जरूरत को कम किया है। 97: में वैक्सीन के बाद संक्रमण होने पर मौत की आशंका कम हुई है। जिन लोगों ने एक खुराक ली थी उनमें कोई बदलाव नहीं मिला है।