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खुशखबर: इस बैंक ने सस्ता किया होम लोन, आठ नवंबर तक मिलेगा सस्ती दरों का लाभ

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बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ‌डिंपल अलावाधी
Updated Fri, 10 Sep 2021 12:41 PM IST

सार

कोटक महिंद्रा बैंक ने आठ नवंबर 2021 तक होम लोन की ब्याज दर में कटौती की है। इसमें 15 आधार अंकों की कटौती की गई है। 

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अगर आप मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि निजी सेक्टर के बैंक कोटक महिंद्रा बैंक ने होम लोन की ब्याज दर में कटौती का एलान किया है। कोटक महिंद्रा बैंक ने 15 आधार अंकों की कटौती की है। कटौती के बाद होम लोन के ब्याज दर 6.65 फीसदी से कम होकर 6.50 फीसदी हो गई है। 

कब तक मिलेगा सस्ते लोन का लाभ?
ग्राहकों को लिए होम लोन की सस्ती दरें आठ नवंबर 2021 तक उपलब्ध हैं। मालूम हो कि यह नई ब्याज दर नए होम लोन ग्राहकों के अलावा उन ग्राहकों पर भी लागू होगी जो किसी अन्य बैंक से ट्रांसफर होकर कोटक महिंद्रा बैंक में आएंगे। बैंक ने कहा कि होम लोन के ब्याज की नई दर 10 सितंबर से लागू हो गई है। मालूम हो कि देश में 16 बैंक और अन्य हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां इस समय ग्राहकों को सात फीसदी से कम ब्याज पर होम लोन दे रही हैं।

अन्य बैंकों में इतनी है ब्याज दर
सरकारी बैंक पंजाब एंड सिंध बैंक 6.65 फीसदी पर होम लोन दे रहा है। देश का सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और एचडीएफसी में होम लोन की ब्याज दर 6.95 फीसदी है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में यह 6.50 फीसदी है। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक ग्राहकों को 6.75 फीसदी की दर पर होम लोन दे रहे हैं।

होम लोन के लिए सरकारी बैंक ज्यादा भरोसेमंद है या प्राइवेट?
हाल ही में हुए फिनटेक कंपनी बेसिक होम लोन के सर्वे के अनुसार, भारत में लोग सरकारी क्षेत्र के बैंकों को ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं। सर्वे के अनुसार, 47 फीसदी लोगों का मानना है कि वे घर खरीदने के लिए निजी बैंकों की तुलना में सरकारी बैंकों से कर्ज लेना पसंद करते हैं। यह सर्वे महामारी के दौरान लोगों के खरीदारी पैटर्न और प्राथमिकता को समझने के लिए किया गया था। इसमें 1,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। करीब 470 लोगों ने होम लोन के लिए सरकारी क्षेत्र के बैंकों पर भरोसा जताया और सिर्फ 270 लोगों ने कहा कि वे होम लोन के लिए निजी बैंकों से लोन लेना पसंद करेंगे। आंकड़े 25 शहरों से संकलित किए गए हैं। करीब 24 फीसदी लोगों ने अपनी बचत का इस्तेमाल किया और घर की खरीदारी की। वहीं सिर्फ एक फीसदी ने किसी गैर-संस्थागत निजी कर्जदाता से कर्ज लेने को तरजीह दी।

विस्तार

अगर आप मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि निजी सेक्टर के बैंक कोटक महिंद्रा बैंक ने होम लोन की ब्याज दर में कटौती का एलान किया है। कोटक महिंद्रा बैंक ने 15 आधार अंकों की कटौती की है। कटौती के बाद होम लोन के ब्याज दर 6.65 फीसदी से कम होकर 6.50 फीसदी हो गई है। 

कब तक मिलेगा सस्ते लोन का लाभ?

ग्राहकों को लिए होम लोन की सस्ती दरें आठ नवंबर 2021 तक उपलब्ध हैं। मालूम हो कि यह नई ब्याज दर नए होम लोन ग्राहकों के अलावा उन ग्राहकों पर भी लागू होगी जो किसी अन्य बैंक से ट्रांसफर होकर कोटक महिंद्रा बैंक में आएंगे। बैंक ने कहा कि होम लोन के ब्याज की नई दर 10 सितंबर से लागू हो गई है। मालूम हो कि देश में 16 बैंक और अन्य हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां इस समय ग्राहकों को सात फीसदी से कम ब्याज पर होम लोन दे रही हैं।

अन्य बैंकों में इतनी है ब्याज दर

सरकारी बैंक पंजाब एंड सिंध बैंक 6.65 फीसदी पर होम लोन दे रहा है। देश का सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और एचडीएफसी में होम लोन की ब्याज दर 6.95 फीसदी है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में यह 6.50 फीसदी है। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक ग्राहकों को 6.75 फीसदी की दर पर होम लोन दे रहे हैं।

होम लोन के लिए सरकारी बैंक ज्यादा भरोसेमंद है या प्राइवेट?

हाल ही में हुए फिनटेक कंपनी बेसिक होम लोन के सर्वे के अनुसार, भारत में लोग सरकारी क्षेत्र के बैंकों को ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं। सर्वे के अनुसार, 47 फीसदी लोगों का मानना है कि वे घर खरीदने के लिए निजी बैंकों की तुलना में सरकारी बैंकों से कर्ज लेना पसंद करते हैं। यह सर्वे महामारी के दौरान लोगों के खरीदारी पैटर्न और प्राथमिकता को समझने के लिए किया गया था। इसमें 1,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। करीब 470 लोगों ने होम लोन के लिए सरकारी क्षेत्र के बैंकों पर भरोसा जताया और सिर्फ 270 लोगों ने कहा कि वे होम लोन के लिए निजी बैंकों से लोन लेना पसंद करेंगे। आंकड़े 25 शहरों से संकलित किए गए हैं। करीब 24 फीसदी लोगों ने अपनी बचत का इस्तेमाल किया और घर की खरीदारी की। वहीं सिर्फ एक फीसदी ने किसी गैर-संस्थागत निजी कर्जदाता से कर्ज लेने को तरजीह दी।

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