videsh
कोविड-19: डब्ल्यूएचओ फिर शुरू करेगा स्रोत की जांच, बना रहा 20 वैज्ञानिकों की नई टीम
एजेंसी, जिनेवा।
Published by: योगेश साहू
Updated Tue, 28 Sep 2021 12:16 AM IST
सार
रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने इस मामले में जो प्रारंभिक जांच की थी उसमें चीनी वैज्ञानिकों ने जो डाटा दिए थे वो वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए अपर्याप्त हैं। इसी वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र के वैश्विक संगठन ने मामले की फिर से जांच करने का फैसला लिया है।
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने इस मामले में जो प्रारंभिक जांच की थी उसमें चीनी वैज्ञानिकों ने जो डाटा दिए थे वो वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए अपर्याप्त हैं। इसी वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र के वैश्विक संगठन ने मामले की फिर से जांच करने का फैसला लिया है।
नई टीम में लैब सेफ्टी, बायो सिक्योरिटी और जिनेटिक्स के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा और इन्हें ये जिम्मेदारी दी जा सकती है कि वे पता लगाएं कि क्या नोवल कोराना वायरस लैब से पैदा हुआ।
इसके साथ ही उन्हें वायरस से भविष्य में होने वाले खतरों और मानवीय व्यवहारों के ज्यादा व्यापक विषयों की जांच भी करनी पड़ सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि नई पहल से जांच तेज करने में मदद मिलेगी क्योंकि इस बात का खतरा बढ़ता जा रहा है कि वायरस के शुरुआती मरीजों से खून के जो नमूने इकट्ठा किए गए थे वो कहीं खराब न हो जाएं।
अगस्त में अमेरिका ने कोविड-19 वायरस के स्रोत की जानकारी देने वाली एक रिपोर्ट जारी की है जिसपर चीन ने सख्त आपत्ति जताते हुए रिपोर्ट को राजनीतिक बताया था और कहा था कि रिपोर्ट में कोई वैज्ञानिक तथ्य और विश्वसनीयता नहीं है।
विस्तार
रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने इस मामले में जो प्रारंभिक जांच की थी उसमें चीनी वैज्ञानिकों ने जो डाटा दिए थे वो वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए अपर्याप्त हैं। इसी वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र के वैश्विक संगठन ने मामले की फिर से जांच करने का फैसला लिया है।
नई टीम में लैब सेफ्टी, बायो सिक्योरिटी और जिनेटिक्स के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा और इन्हें ये जिम्मेदारी दी जा सकती है कि वे पता लगाएं कि क्या नोवल कोराना वायरस लैब से पैदा हुआ।
इसके साथ ही उन्हें वायरस से भविष्य में होने वाले खतरों और मानवीय व्यवहारों के ज्यादा व्यापक विषयों की जांच भी करनी पड़ सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि नई पहल से जांच तेज करने में मदद मिलेगी क्योंकि इस बात का खतरा बढ़ता जा रहा है कि वायरस के शुरुआती मरीजों से खून के जो नमूने इकट्ठा किए गए थे वो कहीं खराब न हो जाएं।
अगस्त में अमेरिका ने कोविड-19 वायरस के स्रोत की जानकारी देने वाली एक रिपोर्ट जारी की है जिसपर चीन ने सख्त आपत्ति जताते हुए रिपोर्ट को राजनीतिक बताया था और कहा था कि रिपोर्ट में कोई वैज्ञानिक तथ्य और विश्वसनीयता नहीं है।