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कोरोना की तीसरी लहर: वायरस की प्रजनन दर बढ़ रही, एम्स और सीएसआईआर की चेतावनी
अमर उजाला रिसर्च डेस्क, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 02 Aug 2021 07:05 AM IST
कोरोना वायरस (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : पिक्साबे
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डॉ. गुलेरिया ने बताया कि पहले वायरस की आर वैल्यू 0.99 थी जो अब बढ़कर एक हो गई है। वायरस के प्रजनन दर में बढ़ोतरी को लेकर सतर्क होने की जरूरत है। आर-वैल्यू में बढ़ोतरी का मतलब है कि कोरोना संक्रमण व्यक्ति से संक्रमण फैलने की गति बढ़ गई है। ऐसे में देश के जिन क्षेत्रों में संक्रमण दर अधिक है वहां सख्ती के साथ पाबंदियों को लागू करने पर जोर देना होगा। डॉ. मांडे का कहना है कि शोध से यही पता चला है कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ टीका काम कर रहा है। ऐसे में सभी से अपील है कि टीका लगवाएं, ये जानलेवा वायरस से बचाव का सरल माध्यम है।
डेल्टा प्लस भी चिंता का विषय
डॉ. मांडे बताते हैं कि डेल्टा वैरिएंट से भारत पहले ही जूझ चुका है। डेल्टा प्लस वैरिएंट भी चिंता का विषय है। इसको लेकर सतर्क रहना होगा। केरल में महामारी की रफ्तार सबसे तेज है। देश में मिलने वाले कुल मरीजों में से आधे केरल में मिल रहे हैं। संक्रमण की चाल देखने से पता चलता है कि केरल के बाद वायरस महाराष्ट्र पहुंचता है और उसके बाद देश के अन्य हिस्सों में तबाही मचाना शुरू करता है।
बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों पर नजर
डॉ. गुलेरिया का कहना है कि संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में ट्रिपल-टी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति पर काम करना होगा जिससे कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके।संक्रमण का ग्राफ इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले समय में स्थिति बिगड़ सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देशभर में कुल 46 जिलों में संक्रमणण दर दस फीसदी से अधिक है। 54 जिलों में ये पांच से दस फीसदी के बीच है।
आर- वैल्यू को इस तरह समझें
डॉ. गुलेरिया बताते हैं कि खसरा और चिकनपॉक्स की आर-वैल्यू आठ या इससे अधिक थी। इसका मतलब है कि एक व्यक्ति आठ से अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा था। अब कोरोना भी इसी राह पर है। महामारी की दूसरी लहर में हमने देखा है कि एक व्यक्ति के चलते पूरा का पूरा परिवार संक्रमित हो गया था। ऐसा चिकनपॉक्स में होता था, डेल्टा वैरिएंट के कारण भी पूरा परिवार संक्रमण की चपेट में आया था।
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डॉ. गुलेरिया ने बताया कि पहले वायरस की आर वैल्यू 0.99 थी जो अब बढ़कर एक हो गई है। वायरस के प्रजनन दर में बढ़ोतरी को लेकर सतर्क होने की जरूरत है। आर-वैल्यू में बढ़ोतरी का मतलब है कि कोरोना संक्रमण व्यक्ति से संक्रमण फैलने की गति बढ़ गई है। ऐसे में देश के जिन क्षेत्रों में संक्रमण दर अधिक है वहां सख्ती के साथ पाबंदियों को लागू करने पर जोर देना होगा। डॉ. मांडे का कहना है कि शोध से यही पता चला है कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ टीका काम कर रहा है। ऐसे में सभी से अपील है कि टीका लगवाएं, ये जानलेवा वायरस से बचाव का सरल माध्यम है।
डेल्टा प्लस भी चिंता का विषय
डॉ. मांडे बताते हैं कि डेल्टा वैरिएंट से भारत पहले ही जूझ चुका है। डेल्टा प्लस वैरिएंट भी चिंता का विषय है। इसको लेकर सतर्क रहना होगा। केरल में महामारी की रफ्तार सबसे तेज है। देश में मिलने वाले कुल मरीजों में से आधे केरल में मिल रहे हैं। संक्रमण की चाल देखने से पता चलता है कि केरल के बाद वायरस महाराष्ट्र पहुंचता है और उसके बाद देश के अन्य हिस्सों में तबाही मचाना शुरू करता है।
बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों पर नजर
डॉ. गुलेरिया का कहना है कि संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में ट्रिपल-टी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति पर काम करना होगा जिससे कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके।संक्रमण का ग्राफ इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले समय में स्थिति बिगड़ सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देशभर में कुल 46 जिलों में संक्रमणण दर दस फीसदी से अधिक है। 54 जिलों में ये पांच से दस फीसदी के बीच है।
आर- वैल्यू को इस तरह समझें
डॉ. गुलेरिया बताते हैं कि खसरा और चिकनपॉक्स की आर-वैल्यू आठ या इससे अधिक थी। इसका मतलब है कि एक व्यक्ति आठ से अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा था। अब कोरोना भी इसी राह पर है। महामारी की दूसरी लहर में हमने देखा है कि एक व्यक्ति के चलते पूरा का पूरा परिवार संक्रमित हो गया था। ऐसा चिकनपॉक्स में होता था, डेल्टा वैरिएंट के कारण भी पूरा परिवार संक्रमण की चपेट में आया था।