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एलान : अफगानिस्तान में सिर्फ शरिया कानून चलेगा, तालिबान ने बना दिया सैन्य न्यायाधिकरण

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एजेंसी, काबुल।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 14 Nov 2021 12:03 AM IST

सार

न्यायाधिकरण में ओबैदुल्ला नेजामी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसमें सैयद अगाज और जाहेद अखुंदजादेह उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत होंगे।

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तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में इस्लामी कानून को लागू करने के लिए एक सैन्य न्यायाधिकरण की स्थापना की घोषणा की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने तालिबान के उप प्रवक्ता एनामुल्लाह समांगनी के बयान का हवाला देते हुए बताया कि शरिया व्यवस्था, दैवीय फरमान और सामाजिक सुधार को लागू करने के लिए सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश पर न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।

बयान का हवाला देते हुए अखबार ने बताया कि न्यायाधिकरण में ओबैदुल्ला नेजामी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसमें सैयद अगाज और जाहेद अखुंदजादेह उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत होंगे। न्यायाधिकरण के पास शरीयत के फैसलों की व्याख्या करने, इस्लामी नागरिक कानूनों से संबंधित फरमान जारी करने और  तालिबान अधिकारियों व पुलिस, सेना व खुफिया इकाइयों के सदस्यों के खिलाफ याचिकाओं का अधिकार होगा।

दावा : अफगानिस्तान की 75 फीसदी लड़कियों ने फिर पढ़ाई शुरू की
उधर, इस्लामाबाद दौरे पर आए अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने दावा किया है कि उनके देश में 75 फीसदी लड़कियों ने स्कूलों में अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर दी है। अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद छात्राओं के लिए स्कूल बंद करने की विश्व स्तर पर निंदा हुई थी। इससे पहले अफगानिस्तान के शिक्षामंत्री ने सभी माध्यमिक स्कूलों को खोलने का निर्देश दिया था। लेकिन लड़कियों की वापसी का इसमें कोई जिक्र नहीं था। 

स्ट्रीट वेंडर बनी महिला पत्रकार
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद कई मीडिया बंद होने के कारण पत्रकारों समेत कई नौकरियां खत्म हो गई हैं। इन्हीं में से एक महिला पत्रकार फरजाना अयूबी हैं जो इन दिनों स्ट्रीट वेंडर (रेहड़ी पटरी वाले) बनकर अपने तीन सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। 27 वर्षीय अयूबी के हवाले से टोलो न्यूज ने कहा है कि मैं मजबूर हूं क्योंकि महिलाओं को कोई काम नहीं देता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अफगानिस्तान में मीडिया परिवार की समस्याओं पर ध्यान देने की अपील की है।

विस्तार

तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में इस्लामी कानून को लागू करने के लिए एक सैन्य न्यायाधिकरण की स्थापना की घोषणा की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने तालिबान के उप प्रवक्ता एनामुल्लाह समांगनी के बयान का हवाला देते हुए बताया कि शरिया व्यवस्था, दैवीय फरमान और सामाजिक सुधार को लागू करने के लिए सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश पर न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।

बयान का हवाला देते हुए अखबार ने बताया कि न्यायाधिकरण में ओबैदुल्ला नेजामी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसमें सैयद अगाज और जाहेद अखुंदजादेह उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत होंगे। न्यायाधिकरण के पास शरीयत के फैसलों की व्याख्या करने, इस्लामी नागरिक कानूनों से संबंधित फरमान जारी करने और  तालिबान अधिकारियों व पुलिस, सेना व खुफिया इकाइयों के सदस्यों के खिलाफ याचिकाओं का अधिकार होगा।

दावा : अफगानिस्तान की 75 फीसदी लड़कियों ने फिर पढ़ाई शुरू की

उधर, इस्लामाबाद दौरे पर आए अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने दावा किया है कि उनके देश में 75 फीसदी लड़कियों ने स्कूलों में अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर दी है। अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद छात्राओं के लिए स्कूल बंद करने की विश्व स्तर पर निंदा हुई थी। इससे पहले अफगानिस्तान के शिक्षामंत्री ने सभी माध्यमिक स्कूलों को खोलने का निर्देश दिया था। लेकिन लड़कियों की वापसी का इसमें कोई जिक्र नहीं था। 

स्ट्रीट वेंडर बनी महिला पत्रकार

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद कई मीडिया बंद होने के कारण पत्रकारों समेत कई नौकरियां खत्म हो गई हैं। इन्हीं में से एक महिला पत्रकार फरजाना अयूबी हैं जो इन दिनों स्ट्रीट वेंडर (रेहड़ी पटरी वाले) बनकर अपने तीन सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। 27 वर्षीय अयूबी के हवाले से टोलो न्यूज ने कहा है कि मैं मजबूर हूं क्योंकि महिलाओं को कोई काम नहीं देता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अफगानिस्तान में मीडिया परिवार की समस्याओं पर ध्यान देने की अपील की है।

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