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उपलब्धि : अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी ने कहा- धरती को कोरोना से मुक्त करने में भारत निभाने जा रहा है अहम भूमिका 

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एजेंसी, वाशिंगटन
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sun, 03 Oct 2021 07:11 AM IST

सार

बाइडन प्रशासन के तहत आने वाली यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएस-एआईडी) के मुताबिक, भारत ने महामारी से लड़ाई के लिए टीके की उत्पादन क्षमता बढ़ाई है और अक्तूबर से वैक्सीन मैत्री और कोवाक्स के तहत टीके का दूसरे देशों को निर्यात भी शुरू करने जा रहा है।
 

यूएसएआईडी के प्रशासनिक अधिकारी सामंथा पॉवर
– फोटो : twitter

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एक प्रमुख अमेरिका सहायता एजेंसी ने कहा है कि धरती को कोरोना महामारी से मुक्त करने में भारत अहम भूमिका निभाने जा रहा है। बाइडन प्रशासन के तहत आने वाली यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएस-एआईडी) के मुताबिक, भारत ने महामारी से लड़ाई के लिए टीके की उत्पादन क्षमता बढ़ाई है और अक्तूबर से वैक्सीन मैत्री और कोवाक्स के तहत टीके का निर्यात भी शुरू करने जा रहा है।

ऐसे में ये स्पष्ट है कि महामारी से जूझ रहे पृथ्वी ग्रह को बचाने के लिए भारत की खोज और उसका निवेश अब पूरी दुनिया के काम आने वाला है। यूएस-एआईडी ने कहा, अभी हम कठिन समय से गुजर रहे हैं। टीकों का संकट है लेकिन भारत से उम्मीद है कि उसके फैसले से व्यवस्था पटरी पर लौटेगी।

70 फीसदी आबादी को टीके का लक्ष्य
यूएसएआईडी के प्रशासनिक अधिकारी सामंथा पॉवर ने भारत में नियुक्त रहे पूर्व अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा से ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि कोविड समिट की बैठकों में दुनिया के सभी देशों की 70 फीसदी आबादी को टीका लगाने पर मंथन हुआ है। अगले वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले ये लक्ष्य हासिल करना है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि भारत मार्गदशर्क बन सकता है।

दूसरे देशों ने भी रफ्तार पकड़ी है
पॉवर ने कहा कि सिर्फ कोरोना वैक्सीन नहीं भारत में दूसरी और बीमारियों के टीकों का उत्पादन बढ़ा है। दूसरे देशों जैसे रवांडा, सेनेगल ने भी रफ्तार पकड़ी है और अपने यहां टीकों का उत्पादन कर रहे हैं। पॉवर ने कहा कि भारत की वो हर संभव मदद को तैयार है। दक्षिण अफ्रीकी देश भी बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे सभी विकासशील देशों की मदद करना भविष्य के लिए बहुत जरूरी है।

विस्तार

एक प्रमुख अमेरिका सहायता एजेंसी ने कहा है कि धरती को कोरोना महामारी से मुक्त करने में भारत अहम भूमिका निभाने जा रहा है। बाइडन प्रशासन के तहत आने वाली यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएस-एआईडी) के मुताबिक, भारत ने महामारी से लड़ाई के लिए टीके की उत्पादन क्षमता बढ़ाई है और अक्तूबर से वैक्सीन मैत्री और कोवाक्स के तहत टीके का निर्यात भी शुरू करने जा रहा है।

ऐसे में ये स्पष्ट है कि महामारी से जूझ रहे पृथ्वी ग्रह को बचाने के लिए भारत की खोज और उसका निवेश अब पूरी दुनिया के काम आने वाला है। यूएस-एआईडी ने कहा, अभी हम कठिन समय से गुजर रहे हैं। टीकों का संकट है लेकिन भारत से उम्मीद है कि उसके फैसले से व्यवस्था पटरी पर लौटेगी।

70 फीसदी आबादी को टीके का लक्ष्य

यूएसएआईडी के प्रशासनिक अधिकारी सामंथा पॉवर ने भारत में नियुक्त रहे पूर्व अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा से ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि कोविड समिट की बैठकों में दुनिया के सभी देशों की 70 फीसदी आबादी को टीका लगाने पर मंथन हुआ है। अगले वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले ये लक्ष्य हासिल करना है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि भारत मार्गदशर्क बन सकता है।

दूसरे देशों ने भी रफ्तार पकड़ी है

पॉवर ने कहा कि सिर्फ कोरोना वैक्सीन नहीं भारत में दूसरी और बीमारियों के टीकों का उत्पादन बढ़ा है। दूसरे देशों जैसे रवांडा, सेनेगल ने भी रफ्तार पकड़ी है और अपने यहां टीकों का उत्पादन कर रहे हैं। पॉवर ने कहा कि भारत की वो हर संभव मदद को तैयार है। दक्षिण अफ्रीकी देश भी बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे सभी विकासशील देशों की मदद करना भविष्य के लिए बहुत जरूरी है।

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