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आरबीआई: दिसंबर तक आ सकती है केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी, ट्रायल सफल रहा तो बड़े स्तर पर होगी लांचिंग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 28 Aug 2021 02:45 PM IST
सार
कागजी मुद्रा पर निर्भरता खत्म करने व ट्रांजेक्शन को कम करने के लिए पिछले कई सालों से डिजिटल करेंसी की वकालत हो रही है। इस बीच आरबीआई गवर्नर ने दिसंबर तक इसके ट्रायल के संकेत दे दिए हैं।
रिजर्व बैंक लाएगा डिजिटल करेंसी
– फोटो : Self
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क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच केंद्रीय बैंक का यह बयान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही 2018 के एक सर्कुलर को खारिज कर चुका है, जिसमें आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी व बिटक्वाइन के माध्यम से किसी व्यक्ति व संस्था को सुविधा मुहैया कराने वाले बैंक को बैन करने का प्रावधान किया था।
डिप्टी गवर्नर भी कर चुके हैं इशारा
पिछले महीने भारतीय रिवर्ज बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर भी इस ओर इशारा कर चुके हैं कि भारत जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी को लांच कर सकता है। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया था कि बैंक इस मामले में कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता। इसलिए वह सभी पहलुओं की जांच के बाद ही डिजिटल करेंसी को बाजार में उतारेगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्रा का प्रयोग कागजी मुद्रा की जगह आदान-प्रदान के लिए किया जा सकेगा। वहीं चीन ने पहले से ही डिजिटल मुद्रा पर प्रयोग शुरू कर दिया है।
कई दिनों से हो रही है डिजिटल करेंसी की वकालत
कागजी मुद्रा पर निर्भरता खत्म करने व ट्रांजेक्शन को कम करने के लिए पिछले कई सालों से डिजिटल करेंसी की वकालत हो रही है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि डिजिटल करेंसी से रियल टाइम ट्रांजेक्शन तो होगा ही साथ ही करेंसी के वैश्वीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच केंद्रीय बैंक का यह बयान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही 2018 के एक सर्कुलर को खारिज कर चुका है, जिसमें आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी व बिटक्वाइन के माध्यम से किसी व्यक्ति व संस्था को सुविधा मुहैया कराने वाले बैंक को बैन करने का प्रावधान किया था।
डिप्टी गवर्नर भी कर चुके हैं इशारा
पिछले महीने भारतीय रिवर्ज बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर भी इस ओर इशारा कर चुके हैं कि भारत जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी को लांच कर सकता है। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया था कि बैंक इस मामले में कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता। इसलिए वह सभी पहलुओं की जांच के बाद ही डिजिटल करेंसी को बाजार में उतारेगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्रा का प्रयोग कागजी मुद्रा की जगह आदान-प्रदान के लिए किया जा सकेगा। वहीं चीन ने पहले से ही डिजिटल मुद्रा पर प्रयोग शुरू कर दिया है।
कई दिनों से हो रही है डिजिटल करेंसी की वकालत
कागजी मुद्रा पर निर्भरता खत्म करने व ट्रांजेक्शन को कम करने के लिए पिछले कई सालों से डिजिटल करेंसी की वकालत हो रही है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि डिजिटल करेंसी से रियल टाइम ट्रांजेक्शन तो होगा ही साथ ही करेंसी के वैश्वीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।