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अरुणाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री पर 2000 करोड़ के घोटाले का आरोप, प्रदर्शन कर रहे 100 लोग हिरासत में, 25 पर लगाया यूएपीए

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ईटानगर
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 15 Jan 2022 11:49 AM IST

सार

रैली आयोजित करने पर गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत 25 लोगों पर मामला दर्ज करके उन्हें 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

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अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू पर 2000 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप के बाद प्रदर्शन कर रहे 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं 25 लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत 25 लोगों पर मामला दर्ज करके उन्हें 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 

जानकारी के तहत, प्रदेश के आदिवासी युवा समूह ऑल न्याशी यूथ एसोसिएशन ने सीएम पेमा खांडू पर दो हजार करोड़ रुपये के सरकारी फंड के घोटाले का आरोप लगाया था। इस मामले में सु्प्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद एसोसिएशन की ओर से 36 घंटे की हड़ताल बुलाई गई, जिसे सरकार ने अवैध घोषित कर दिया। 

अवैध घोषित करने के बाद भी हुई हड़ताल 
सरकार द्वारा हड़ताल को रोकने का हर संभव प्रयास किया गया। पहले तो इसे अवैध घोषित किया गया, वहीं ईटानगर समेत कई क्षेत्रों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया। इसके बावजूद हड़ताल हुई। जिसके बाद 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों के पास से गुलेल व खंजर जैसे हथियार मिले हैं। पुलिस का कहना है कि हड़ताल व विरोध रैली से राज्य में अव्यवस्था फैलाने व सांप्रदायिक हिंसा की साजिश रची जा रही थी। 

विस्तार

अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू पर 2000 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप के बाद प्रदर्शन कर रहे 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं 25 लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत 25 लोगों पर मामला दर्ज करके उन्हें 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 

जानकारी के तहत, प्रदेश के आदिवासी युवा समूह ऑल न्याशी यूथ एसोसिएशन ने सीएम पेमा खांडू पर दो हजार करोड़ रुपये के सरकारी फंड के घोटाले का आरोप लगाया था। इस मामले में सु्प्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद एसोसिएशन की ओर से 36 घंटे की हड़ताल बुलाई गई, जिसे सरकार ने अवैध घोषित कर दिया। 

अवैध घोषित करने के बाद भी हुई हड़ताल 

सरकार द्वारा हड़ताल को रोकने का हर संभव प्रयास किया गया। पहले तो इसे अवैध घोषित किया गया, वहीं ईटानगर समेत कई क्षेत्रों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया। इसके बावजूद हड़ताल हुई। जिसके बाद 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों के पास से गुलेल व खंजर जैसे हथियार मिले हैं। पुलिस का कहना है कि हड़ताल व विरोध रैली से राज्य में अव्यवस्था फैलाने व सांप्रदायिक हिंसा की साजिश रची जा रही थी। 

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